कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बर्बरता पर पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस की खिंचाई करने के कुछ घंटों बाद, जहां पिछले सप्ताह एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने स्वीकार किया है कि हम सही आंकलन नहीं कर पाएं.
कोलकाता और देश के कई अन्य हिस्सों में महिलाओं ने बुधवार को प्रोटेस्ट का आयोजन किया था. रात करीब 11 बजे शुरू हुई निगरानी के दौरान, कुछ लोग आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे. वाहनों पर हमला किया गया, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. कोलकाता पुलिस ने कहा कि 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
शुक्रवार को, जब गोयल से बर्बरता के बारे में पूछा गया और इसे रोका क्यों नहीं जा सका, तो उन्होंने कहा, "यह एक नेतृत्वहीन भीड़ थी, यह अनुमान लगाना और आकलन करना मुश्किल था कि कितने लोग एक जगह इकट्ठा होंगे. हमें खुद को फैलाना पड़ा." वहां कई महिलाएं थीं और हमें उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखना था; जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें महिलाएं भी शामिल हैं. इसलिए हमें अपनी प्रतिक्रिया में संयमित रहना पड़ा उस तरह. पर्याप्त तैनाती थी और अधिकारी वहां मौजूद थे, जो भीड़ को नियंत्रित रखने की कोशिश कर रहे थे."
पुलिस आयुक्त ने कहा, "इसके बावजूद, बैरिकेड तोड़ दिया गया और लोग अस्पताल में घुस गए और तोड़फोड़ की. हमारे पास 15 लोग हैं जो बुरी तरह घायल हो गए."
कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है और यहां एक सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की जांच में यथासंभव पारदर्शिता बरतने का प्रयास किया जा रहा है.
गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में यह भी स्वीकार किया कि ‘‘पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था'' के बावजूद पुलिस को उम्मीद नहीं थी कि 15 अगस्त की तड़के आरजी कर अस्पताल परिसर के बाहर प्रदर्शनकारी हिंसक हो जायेंगे. पुलिस आयुक्त ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी समेत सभी साक्ष्य केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिए हैं.लसीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को नहीं बचा रहे हैं और पुलिस ने अपनी जांच में यथासंभव पारदर्शिता बरतने की कोशिश की है. हमने मामले से जुड़े सभी सबूत सीबीआई को सौंप दिए हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी पर भरोसा रखें.'' गोयल ने कहा कि अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज करने का मतलब यह नहीं है कि पुलिस ‘‘अपराध को आत्महत्या बताना चाह रही है''.
उन्होंने कहा, ‘‘देश में सभी जांच एजेंसियों द्वारा यही मानक प्रक्रिया अपनाई जाती है. हमने नियमानुसार काम किया. इस अपराध को ‘आत्महत्या' बताने का कोई प्रयास नहीं किया गया, जैसा कि कुछ हलकों से गलत तरीके से कहा जा रहा है. पुलिस ने इसे कभी ‘आत्महत्या' नहीं कहा.''
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बृहस्पतिवार को हुई तोड़फोड़ के संबंध में गोयल ने कहा कि नेतृत्वहीन और स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करना मुश्किल है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि आरजी कर अस्पताल के सामने भीड़ हिंसक हो जाएगी.''
गोयल ने बताया कि अस्पताल में तोड़फोड़ के सिलसिले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने दावा किया कि उपद्रवी अपराध स्थल तक नहीं पहुंच सके. अपराध स्थल अस्पताल इमारत की चौथी मंजिल पर स्थित सेमिनार हॉल है, जहां महिला चिकित्सक का शव मिला था.