यूक्रेन के पड़ोसी देशों हंगरी,रोमानिया और पोलैंड से भारतीय वायुसेना के चार C17 ग्लोबमास्टर विमान छात्रों को लेकर ग़ाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस आ रहे हैं. इन विमानों में कुल 800 छात्र छात्राएं लाए जा रहे हैं. इनमें से रात करीब 1:26 बजे एयरफोर्स का पहला विमान हिंडन एयरबेस पर उतरा. विमानों से लाए जा रहे सभी छात्र यूक्रेन के वॉर ज़ोन से लौटे हैं.
यूक्रेन से रोमानिया आए छात्रों को लेकर आया वायुसेना का विमान रात 1:26 बजे दिल्ली एनसीआर के हिंडन एयरबेस पर उतरा. छात्र विमान से उतरकर कतार में बाहर आए. उनका स्वागत किया गया. उन्हें फूल और खाने के पैकेट दिए गए.
बिहार की रहने वाली विशाखा इसी विमान से आई हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कह कि ''मैं ओडेसा में थी. शाम से सोच रही हूं यह कैसा एवेक्यूशन है. रोमानिया से तो जनरल फ्लाइट लेकर भी आ सकते थे. एवेक्यूशन तो तब होता जब हमें वॉर ज़ोन से निकाला गया होता.'' उन्होंने कहा कि ''यूएन की वजह से यूक्रेन की आर्मी बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है.'' उन्होंने कहा कि ''शेलिंग का मतलब तक पता नहीं था क्या होता है. हम बमबारी के बीच से निकले. टैक्सी का 14-15 हज़ार रुपया किराया दिया. मनमानी किराया वसूला जा रहा है.''
Koo App#OperationGanga✈️ Third Indian Air Force's C-17 aircraft carrying 210 Indian citizens from #Ukraine, lands at Hindan airbase near Delhi from Budapest Raksha Rajya Mantri Ajay Bhatt, was present at the tarmac to welcome back the passengers who were evacuated from #Ukraine- PIB India (@PIB_India) 3 Mar 2022
विशाखा ने कहा कि ''मेरा भाई खारकीव में फंसा हुआ है. घर वाले कह रहे थे कम से कम एक तो आ जाओ. भाई का नाम विकास वैभव है. वहां काफी ज्यादा बर्फबारी हो रही है.''
दिल्ली की रहने वाली श्रद्धा कीव में थीं. उन्होंने बताया कि ''24 फरवरी को फ्लाइट थी जो कैंसिल हो गई थी. शेल्टर में लगातार बम की आवाज़ें आ रही थी. टैक्सी से रोमानिया गए. 12 घंटे ट्रेन में सफर किया. यूक्रेन की आर्मी सही बर्ताव नहीं कर रही है.''
दिल्ली के रहने वाले दीपांशु ने बताया कि ''24 फरवरी को कीव में था. दो दिन एम्बेसी में रहे, फिर 6 हज़ार रुपये की टैक्सी की. रोमानिया बॉर्डर पर बुरी तरह परेशान कर रहे हैं. कारण यह है कि इंडिया ने यूक्रेन को सपोर्ट नहीं किया. यूक्रेन भारत के छात्रों को बंधक बना रहा है.''