उत्तराखंड में ‘वॉटर बम’ का खतरा! 1200 मीटर लंबी झील मचा सकती है तबाही,जानिए NDTV के रिपोर्टर ने क्या देखा

यह कृत्रिम झील स्थायी नहीं है, और इसका किनारा मलबे और पत्थरों से बना है, जो पानी के दबाव में कभी भी टूट सकता है.  

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
हाल ही में हुई भीषण बारिश और बादल फटने के बाद यह झील बना है (AI की मदद से इस प्रतीकात्मक तस्वीर को बनाया गया है)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • हर्षिल घाटी में भागीरथी नदी पर मलबे से बनी कृत्रिम झील लगभग बीस फीट गहरी है
  • मलबे ने नदी के प्राकृतिक बहाव को रोक दिया है जिससे धाराली और हर्षिल के बीच नदी का प्रवाह धीमा हो गया है
  • झील का पानी हर्षिल हेलिपैड तक पहुंच चुका है और गंगोत्री रोड के कई हिस्से डूब चुके हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

उत्तराखंड के हर्षिल घाटी में इन दिनों आसमान के बादल से नहीं, बल्कि धरती पर जमा पानी से खतरा मंडरा रहा है. भागीरथी नदी पर मलबा और पत्थरों के जमाव से बनी 1200 मीटर लंबी और करीब 100 मीटर चौड़ी कृत्रिम झील को विशेषज्ञ 'वॉटर बम' कह रहे हैं. यह झील लगभग 20 फीट गहरी है और इसमें करीब 7 लाख क्यूबिक मीटर पानी जमा हो चुका है. अगर यह टूट गई तो निचले इलाकों में भारी तबाही मच सकती है. 

लगातार बारिश के चलते झील में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है और सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण इसे ‘पंचर' कर पानी निकालने की योजना फिलहाल टाल दी गई है. विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर झील टूटती है तो पूरे हर्षिल घाटी में भीषण तबाही हो सकती है.  सेना और आपदा प्रबंधन दल झील के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने में जुटे हैं, ताकि पानी का दबाव कम किया जा सके और संभावित खतरे को टाला जा सके.  यह स्थिति घाटी में रहने वाले लोगों के लिए डर और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर रही है, जबकि प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है.

बादल फटने से बना वॉटर बम

हाल ही में हुई भीषण बारिश और बादल फटने के बाद, धाराली और हर्षिल के बीच भागीरथी नदी में मलबा भर गया. यह मलबा खासतौर पर खीर गाड़ और भागीरथी नदी के संगम पर जमा हुआ है, जिसने नदी का प्राकृतिक बहाव रोक दिया है. उपग्रह तस्वीरों से साफ दिख रहा है कि इस संगम पर पंखे के आकार का मलबे का ढेर बन गया है, जिसने पानी को रोककर झील का रूप दे दिया है. इस कारण नदी का प्रवाह कई जगहों पर धीमा या लगभग बंद हो गया है. 

Advertisement

हर्षिल हेलिपैड तक पहुंच रहा है पानी

स्थिति इतनी गंभीर है कि झील का पानी हर्षिल हेलिपैड तक भर आया है और गंगोत्री रोड के कई हिस्से भी डूब चुके हैं.  स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगर पानी का स्तर और बढ़ा या अचानक दबाव बढ़ने से झील का किनारा टूटा, तो नीचे बसे गांवों और कस्बों पर पानी का सैलाब टूट पड़ेगा.

Advertisement

सेना की मदद से झील को फोड़े जाने की है योजना

खतरे को देखते हुए प्रशासन ने सेना को बुलाने का फैसला किया . आर्मी की इंजीनियरिंग कोर और अन्य कॉलम मिलकर इस कृत्रिम झील में नियंत्रित तरीके से निकासी मार्ग बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि अचानक बाढ़ का खतरा टाला जा सके. फिलहाल टीम मौके का मुआयना कर रही है और तय कर रही है कि किस तरह से झील को "पंक्चर" किया जाए. 

Advertisement

हो सकती है भयंकर तबाही

विशेषज्ञों के अनुसार झील में जमा 7 लाख क्यूबिक मीटर पानी अगर एक साथ बह निकला, तो यह नीचे के इलाके में कुछ ही मिनटों में बाढ़ ला सकता है. इतनी मात्रा में पानी न सिर्फ घरों और सड़कों को बहा ले जाएगा, बल्कि पुल और अन्य ढांचों को भी भारी नुकसान पहुंचा सकता है. 

Advertisement

क्यों इसे कहा जा रहा है'वॉटर बम'?

यह कृत्रिम झील स्थायी नहीं है, और इसका किनारा मलबे और पत्थरों से बना है, जो पानी के दबाव में कभी भी टूट सकता है.  ऐसे में इसे 'वॉटर बम' कहा जा रहा है यानी एक ऐसा जल-बम जो फूटते ही तबाही मचा देगा. इस तरह की झीलें हिमालयी क्षेत्रों में पहले भी बनी हैं और कई बार इनके फूटने से बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है. 

लोगों में दहशत

हर्षिल घाटी और आसपास के गांवों में लोग डर के साए में जी रहे हैं. कई परिवारों ने घर छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. दुकानदारों का कहना है कि अगर झील टूटी तो उनका सारा सामान और घर पानी में बह जाएगा. अब सबकी निगाहें सेना और इंजीनियरिंग टीम की कोशिशों पर टिकी हैं. अगर झील को नियंत्रित तरीके से खाली कर दिया गया, तो बड़ा हादसा टल सकता है. लेकिन अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो हर्षिल घाटी और नीचे के इलाकों के लिए यह 'वॉटर बम' एक भयानक आपदा में बदल सकता है. 

ये भी पढ़ें-: 16 साल बाद हट सकता है ले.कर्नल प्रसाद पुरोहित पर लगा DV बैन, प्रमोशन का रास्ता हो सकता है साफ 

Featured Video Of The Day
Top News: Weather Update | Delhi NCR Rain | Asim Munir | Russia Ukraine War | Dharali Cloudburst