केरल में विरोध कर रहे कांग्रेस विधायकों को उठाकर बाहर निकाला सिक्योरिटी ने

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने पत्रकारों को बताया कि चार विधायकों - के.के. रेमा, ए.के.एम. अशरफ़, टी.वी. इब्राहीम तथा सनीश कुमार - को इस आपाधापी में चोटें आई हैं.

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कांग्रेस-नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के विधायक विरोध प्रदर्शन नहीं रोकने पर अड़े थे, और ज़मीन पर लेट गए थे, इसीलिए उन्हें उठाकर बाहर निकाला गया...
तिरुअनंतपुरम:

केरल विधानसभा से आज कुछ हंगामाखेज़ और चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं, जब स्पीकर ए.एन. शमशीर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दलों के विधायकों को सिक्योरिटी गार्डों ने उठा-उठाकर इमारत से बाहर निकाला. कांग्रेस-नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के विधायक विरोध प्रदर्शन नहीं रोकने पर अड़े थे, और ज़मीन पर लेट गए थे, इसीलिए उन्हें उठाकर बाहर निकाला गया.

विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने पत्रकारों को बताया कि चार विधायकों - के.के. रेमा, ए.के.एम. अशरफ़, टी.वी. इब्राहीम तथा सनीश कुमार - को इस आपाधापी में चोटें आई हैं.

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, वी.डी. सतीशन ने कहा, "सदन में विपक्ष को लोकतांत्रिक अधिकारों से लगातार वंचित किया जा रहा है... हमने हाल ही में एक नाबालिग लड़की पर हुए नृशंस अत्याचार का मुद्दा कार्यस्थगन प्रस्ताव के ज़रिये उठाने की कोशिश की थी, लेकिन स्पीकर ने किसी जायज़ वजह के बिना नोटिस को नामंज़ूर कर दिया..."

विपक्षी नेताओं का आरोप है कि वरिष्ठ विधायक तथा पूर्व गृहमंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन को धक्का दिया गया, औरविधायक के.के. रेमा का हाथ मरोड़ा गया और चार-पांच महिला मार्शलों ने उन्हें फर्श पर घसीटा.

सतीशन ने आरोप लगाया कि स्पीकर ए.एन. शमशीर पक्षपातपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के दबाव में काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सवालों से डरते हैं, और मौजूदा सत्र को तेज़ी से खत्म करना चाहते हैं.

उन्होंने सत्तापक्ष के कई विधायकों पर विपक्षी विधायकों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग की.

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विपक्षी विधायक महिला सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए दिया गया नोटिस नामंज़ूर होने का विरोध कर रहे थे. इससे पिछले दिन कोच्चि डम्पयार्ड में आग को लेकर विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर चर्चा की मांग के लिए दिया गया नोटिस भी नामंज़ूर कर दिया गया था.

बुधवार सुबह जब स्पीकर ने नोटिस को नामंज़ूर किए जाने की घोषणा की, तब विपक्ष के विधायकों ने नारे लगाना और बैनर लहराना शुरू कर दिया. इसके बाद वे सदन से वॉकआउट कर गए, और स्पीकर के कार्यालय की तरफ चल दिए.

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इन विधायकों का रास्ता वॉच एंड वॉर्ड स्टाफ ने रोका, जो राज्य विधानसभा की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी हैं, और सीधे स्पीकर को रिपोर्ट करते हैं.

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