मध्य प्रदेश सरकार में बाढ़ (Madhya Pradesh flood) प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों की मदद के लिए गए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) खुद फंस गए और उन्हें एयरलिफ्ट करना पड़ा. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाढ़ प्रभावित दतिया जिले के सर्वेक्षण के दौरान पता लगा कि नौ लोग एक छत पर फंसे हुए हैं, चारों ओर पानी से घिर चुके हैं. छत को छोड़कर घर पूरी तरह से जलमग्न हो गया. नरोत्तम मिश्रा इसी क्षेत्र से विधायक हैं. ये पता लगते ही मिश्रा, जो एसडीआरएफ की एक नाव पर थे वो कुछ राहतकर्मियों के साथ, तेज़ हवाओं और पानी के बावजूद लोगों तक पहुंचने में कामयाब रहे लेकिन इससे पहले कि मंत्री फंसे हुए लोगों को बचाने की व्यवस्था कर पाते, एक पेड़ टूट गया और नाव पर गिर गया, जिसके बाद मोटर चालू नहीं हो सकी.
थोड़ी देर में स्थानीय प्रशासन से संपर्क के बाद भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को उन्हें और नौ अन्य को बचाने के लिए भेजा गया. सभी फंसे हुए लोगों को बचाने के बाद भारतीय वायुसेना के जवानों ने एक रस्सी को नीचे फेंका जिससे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को सुरक्षित रूप से ऊपर खींच लिया गया.
गृहमंत्री ने बचाव कार्यों और राहत शिविरों की निगरानी के लिए दतिया जिले के कई बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया है. हालांकि कांग्रेस ने इस घटना की आलोचना करते हुए इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दिया. कांग्रेस नेता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा “जिस तरह से हमारे गृह मंत्री ने स्पाइडरमैन की तरह काम करने की कोशिश की, वह उनके लिए, फंसे हुए लोगों और उनके साथ जाने वालों के लिए खतरनाक था. यह केवल एक पब्लिसिटी स्टंट था. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने इसे बीजेपी की अंतर्कलह से जोड़ते हुए ट्वीट किया.