उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते दिनों भड़की हिंसा (Prayagraj Violence) मामले में कार्रवाई जारी है. रविवार को प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद अहमद के घर पर बुलडोजर (Bulldozer) चलाया गया. हिंसा मामले में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश महासचिव जावेद अहमद अका जावेद पंप को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने दावा किया है कि जावेद के घर से अवैध हथियार बरामद किए गए हैं. हिंसा के बाद पुलिसिया कार्रवाई के साथ ही रविवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है. उनके आलीशान घर को ध्वस्त कर दिया गया है. अवैध निर्माण करने के आरोप में उक्त कार्रवाई की गई है. कार्रवाई से पहले जावेद के घर के बाहर पीडीएस की ओर से नोटिस चिपकाया गया था. यूपी पुलिस ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए 95 नामजद और 5000 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
पूरे घटनाक्रम पर एसपी अजय कुमार ने कहा है कि जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप 10 तारीख को हुई हिंसा में शामिल था. उसके मकान पर पीडीए की तरफ से कार्रवाई की गयी है. उसके मकान से कुछ आपत्तिजनक समान बरामद हुए हैं. 12 बोर की और 315 बोर की अवैध पिस्टल बरामद की गयी है. साथ ही कुछ पोस्टर्स और बैनर भी बरामद हुए हैं इन सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी.
पूरे मामले पर प्रयागराज के डीएम संजय खत्री ने कहा है कि जावेद मोहम्मद के घर पर नियमानुसार जिला प्रशासन और पीडीए द्वारा कार्रवाई की गई है कार्रवाई से पहले यह पाया गया था कि कि जावेद मोहम्मद का मकान नियमों के विरुद्ध बनवाया गया था. इस वजह से आज पीडीए द्वारा कार्रवाई करते हुए ध्वस्तीकरण का कार्य किया गया है. जिन-जिन लोगों के मकान पीडीए के मानकों के मुताबिक नहीं है उन सभी पर कार्रवाई होगी.
प्रयागराज के थाना खुल्दाबाद एवं करेली संबंधित मामला में आरोपियों पर कार्रवाई जारी है. पुलिस का कहना है कि 29 गंभीर एवं कठोरतम धाराएं लगाते हुए मुक़दमा दर्ज किया गया था. 70 उपद्रवी नामज़द थे. 5000 अज्ञात थे. 24 घण्टे के भीतर कुल 68 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया था. इसको मिलाकर अब तक कुल 91 उपद्रवियों को हिरासत में लेकर कार्यवाही की जा चुकी है या जारी है. जांच में मास्टरमाइंड के तौर पर उभरे मोहम्मद जावेद उर्फ़ जावेद पम्प के अवैध तीन मंज़िला( क़रीब 5 करोड़ से अधिक क़ीमत) मकान को नियमानुसार पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया.
अवैध निर्मित मकान की तलाशी के दौरान 02 अवैध असलहे, कई कारतूस, एक बड़ा बाँका और एक काग़ज़ मिला है. जिस पर माननीय न्यायालय के खिलाफ़ तल्ख़ी भरी आपत्तिजनक टिप्पणी लिखी हुई हैं. इस पर नियमानुसार अलग से सख़्त कार्यवाही की जाएगी.प्रयागराज पुलिस के मुताबिक, क़ानून को हाथ में लेने वाले, मनमानी करने वाले, पुलिस प्रशासन पर पथराव करने वाले, पब्लिक प्रॉपर्टी का नुक़सान करने वाले, ख़ुराफ़ाती तत्वों तथा साज़िश रचने वाले लोगों को किसी भी सूरत में क़तई बख़्शा नहीं जाएगा.
बिना अनुमति के किया निर्माण
प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा चिपकाए गए नोटिस में कहा गया था कि विकास प्राधिकरण से अपेक्षित अनुमति लिए बगैर अवैध तरीके से भूतल और प्रथम तल में निर्माण कराया गया है. इसके लिए आपको अधिनियम 1973 की धारा 27(1) के तहत कारण बताओ नोटिस दी गई थी और इसकी सुनवाई की 24 मई को तारीख रखी गई थी. लेकिन इस दौरान ना तो आप खुद और ना ही आपके तरफ से कोई सुनवाई के तिथि को आया. लिहाजा 25 मई को ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया था.
पीडीएस की नोटिस में कहा गया, " इस बाबत नोटिस जारी कर आपके यहां चस्पा कर सूचित किया गया था कि 9 जून तक खुद से उक्त स्थल को ध्वस्त करके सूचित करें. लेकिन आपने वो कार्य नहीं किया. लिहाजा 12 जून को 11:00 बजे तक उक्त स्थल को खाली कर दें, जिससे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो सके."
घरवालों ने घर खाली नहीं किया
गौरतलब है कि नोटिस चिपकाने के बावजूद घरवालों ने घर खाली नहीं किया था. ना ही शनिवार की सुबह से घर का कोई सदस्य बाहर निकला था. ऐसे में बड़ी संख्या पुलिस बल के साथ पीडीएस की टीम मौके पर पहुंची और घर से लोगों को बाहर निकाल कर ध्वस्तिकरण की कार्रवाई की. इस दौरान किसी प्रकार के विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न ना हो, इस बाबत महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी. पहले एक बुलडोजर से घर ध्वस्त किया दा रहा था. बाद में एक और बुलडोजर बुलाया गया.
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