प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने आज मंगलवार को वाराणसी (Varanasi) के एक मंदिर के सालाना जलसे में संत समाज और योगियों को बताया कि उन्होंने बनारस की पवित्र धरती की बदहाली को खत्म कर दिया है. उन्होंने बताया कि कल आधी रात को वो बनारस घूमने निकले तो उसकी तरक्की देख खुश हुए. पीएम मोदी की इस यात्रा को यूपी चुनाव में पूर्वांचल की सियासत पर असर डालने की कोशिश भी कहा जा रहा है. दरअसल, वाराणसी में स्वर्वेद मंदिर परिसर में योगियों और संतों का 98वां सालाना समारोह है. पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि धार्मिक रूप से पवित्र इस नगर को उन्होंने बदल दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि वो दिन भी याद करिए जब आप यहां आते थे तो क्या स्थिति थी. जो स्थान इतना पवित्र हो, उसकी बदहाली लोगों को निराश करती थी. लेकिन आज यह परिस्थिति बदल रही है. आज जब देश विदेश से लोग आते हैं तो एयरपोर्ट से निकलते ही उन्हें सब बदला-बदला लगता है.
पीएम मोदी बोले, देश ही नहीं, विदेश से आने वाले भी काशी में देख रहे बदलाव
बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था. भगवा वस्त्र धारण कर पीएम मोदी हाथों में कलश लिए गंगा में गए, डुबकी लगाई और फिर गंगा को पुष्प अर्पित किए. इस दौरान उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया और फिर काशी विश्वनाथ में पूजा अर्चना की. जब जनता को संबोधित किया तो उन्होंने कहा कि काशी में सिर्फ एक ही सरकार है, वह है डमरू वाले की. यहां आने के बाद आप चाहे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जाएं, मां गंगा के घाटों पर जाएं, हर जगह काशी की महिमा के अनुरूप ही आभा पड़ रही है.
इसके बाद पीएम मोदी सोमवार को आधी रात के बाद शहर घूमने निकले और जगह जागह से अपनी तस्वीरें भी ट्वीट कीं. संत समारोह में उन्होंने उसका भी ज़िक्र करते हुए कहा कि रात 12-साढ़े 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं फिर निकल पड़ा था. अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम किया गया है, उनको देखने के लिए निकल पड़ा था. गोदौलिया में जो सुंदरीकरण का काम हुआ है, वह वाकई देखने योग्य बना है. वहां कितने ही लोगों से मेरी बातचीत हुई. मैंने मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा. स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है.
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गौरतलब है कि मोदी की यह यात्रा यूपी चुनाव से पहले हिदुत्व को धार देने की कोशिश भी बताई जा रही है. पूर्वी यूपी में विधानसभा की 149 सीटें हैं. इनमें से 104 बीजेपी के पास हैं. इस बार अखिलेश का जोर पूर्वांचल पर है. ओम प्रकाश राजभर, रामअचल राजभर, लालजी वर्मा, संजय चौहान जैसे अलग-अलग जातियों के तमाम नेताओं को उन्होंने या तो पार्टी में शामिल किया है या गठजोड़ किया है. पूर्वांचल के सबसे बड़े ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी का परिवार भी उनकी पार्टी में आ गया है. ऐसे में वाराणसी में पीएम मोदी के दो दिन पूर्वांचल की सियासत पर असर डालने के लिए हो सकते हैं.
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