केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) ने कहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेठी (Amethi) से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उनके लिए यहां से चुनाव लड़ना कठिन होता. एनडीटीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में भाजपा नेता ने कई मुद्दों पर बात की. इसमें खास तौर पर उनकी और उनकी पार्टी की साख, विकास कार्य, राम मंदिर, रोजगार और प्रज्वल रेवन्ना यौन अपराध मामला शामिल हैं. अमेठी में सोमवार को मतदान होना है. स्मृति ईरानी अमेठी से लगातार तीसरी बार भाजपा की उम्मीदवार हैं. वह 2014 में राहुल गांधी से हार गई थीं और फिर 2019 में जीती थीं. यह हार कांग्रेस के लिए एक झटके की तरह थी. इसका कारण यह था कि अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता था और 1967 से लगातार कांग्रेस यहां से जीत रही थी.
किशोरी लाल शर्मा को कैसे मिला टिकट?
2004 से राहुल गांधी यहां से 2019 तक चार बार चुनाव लड़े और तीन बार निर्वाचित हुए. अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी, पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी सहित अन्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने किया था. इस बार ईरानी के प्रतिद्वंद्वी किशोरी लाल शर्मा हैं, जो गांधी परिवार के वफादार हैं. किशोरी लाल शर्मा ने 40 वर्षों तक अमेठी में काम किया है. इन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद अमेठी से टिकट दिया गया और राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के एकमात्र बचे हुए गढ़ रायबरेली से लड़ने का फैसला किया.
"स्पष्टीकरण देना मुश्किल हो जाएगा"
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर अमेठी से फिर से जीत हासिल करने का उनका काम कठिन होता, ईरानी ने कहा, "नहीं, यह राहुल गांधी के लिए कठिन था, इसीलिए उन्होंने नहीं लड़ने का फैसला किया. मैं उन्हें चुनाव लड़ने के लिए चार महीने से कह रही हूं क्योंकि मैं बहुत स्पष्ट थी कि हमने जमीन पर काम किया है और मेरे पांच साल के काम और सांसद के रूप में उनकी 15 साल की अनुपस्थिति के बीच एक स्पष्ट तुलना है और इस पर गांधी परिवार के लिए इस निर्वाचन क्षेत्र के हर चौराहे पर स्पष्टीकरण देना मुश्किल हो जाएगा."
'औकात' पर हुई बात
आत्मविश्वास से भरी ईरानी ने कहा कि अमेठी में सत्ता विरोधी लहर नहीं है और "गांधी भाई-बहनों के प्रति बहुत आकर्षण भी नहीं है." उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में भी प्रियंका और राहुल गांधी की परीक्षा हुई और अमेठी लोकसभा सीट के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस ने चार में अपनी जमानत खो दी और पांचवें में भी भाजपा से हार गई. उन्होंने कहा, "मैं यहां कांग्रेस के इकोसिस्टम से लड़ती हूं. मैं एक उम्मीदवार से नहीं लड़ती. मुझे यकीन है कि आपने देखा होगा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने संचार प्रमुख के माध्यम से कोई 'औकात' नहीं है की थी और फिर एक पूर्व मुख्यमंत्री (राजस्थान के अशोक गहलोत) को इस विशेष निर्वाचन क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है. यह बहुत अजीब है. अगर मेरी कोई 'औकात' नहीं होती तो गांधी परिवार को हर सड़क के कोने पर बैठकें नहीं करनी पड़तीं.''
"नए सिरे से बना रहे"
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस और गांधी परिवार ने पांच दशकों तक "तथाकथित गढ़ (अमेठी )" पर कब्जा कर रखा था लेकिन इस निर्वाचन क्षेत्र की 23-24 लाख की आबादी में से 16 लाख लोगों के पास शौचालय और 1.5 लाख परिवारों के पास बिजली कनेक्शन नहीं था. स्मृति ईरानी ने कहा कि यह दोनों काम उनके पांच साल सांसद रहने के दौरान किया गया है. मंत्री ने कहा, "ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनकी मांग 30 साल से की जा रही थी और कभी पूरी नहीं हुईं. हमने बाईपास का निर्माण किया, अमेठी को एक एक्सप्रेसवे से जोड़ा, यहां एक ट्रॉमा सेंटर बनाए. कुछ बुनियादी प्रशासनिक ढांचागत इकाइयां भी हम यहां बना रहे हैं, जैसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, पुलिस लाइन, पहला डायलिसिस केंद्र, पहली सीटी स्कैन मशीन. बहुत से लोगों को इसका एहसास नहीं है कि हम इस पूरी जगह को नए सिरे से बना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के 19 लाख लोगों को नरेंद्र मोदी सरकार की मुफ्त राशन योजना के तहत भोजन मिल रहा है. यह अमेठी में "अंतर-पीढ़ीगत गरीबी" का संकेतक है, जो एक चुनौती है, जिससे वह और भाजपा लड़ रहे हैं. दिन की शुरुआत में निर्वाचन क्षेत्र में अपनी एक नुक्कड़ सभा में महिलाओं की बड़ी उपस्थिति का उल्लेख किया और ईरानी ने कहा कि वे इसलिए आईं क्योंकि वे हमारे विकास की योजनाओं से प्रभावित थीं.
रोजगार पर यह कहा
रोजगार पर, उन्होंने कहा, "अमेठी एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां राहुल गांधी के अनुपस्थित सांसद के रूप में 15 वर्षों में, लगभग 499 कारखाने बंद हो गए. आज, पांच वर्षों में और इसकी पुष्टि की जा सकती है कि अब हमारे पास 13,000 एमएसएमई हैं. एशिया का सबसे बड़ा कोका-कोला बॉटलिंग प्लांट अमेठी में है. उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पोल्ट्री और फीडस्टॉक प्लांट अब अमेठी में है. हमने इस निर्वाचन क्षेत्र में 5,200 फेरीवालों और 1 लाख लोगों को मुद्रा लोन के तहत ऋण दिया है और हमारा एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) 2.5% से कम है." ईरानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र की 90,000 महिलाओं को प्रजनन और मातृ स्वास्थ्य के लिए प्रधानमंत्री की नकद हस्तांतरण योजना से लाभ हुआ है.
राम मंदिर पर बेबाक जवाब
चुनावी मुद्दे के रूप में राम मंदिर (Ram Temple) के बारे में पूछे जाने पर, भाजपा नेता ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है, बल्कि "हमारे लोकाचार का हिस्सा है, हमारी जीवनशैली का हिस्सा है". विपक्ष के इस दावे का जवाब देते हुए कि अगर भाजपा एनडीए के लिए 400 सीटों का लक्ष्य हासिल कर लेती है तो वह संविधान को बदलने का इरादा रखती है, ईरानी ने कहा कि भाजपा के पास "प्रचंड बहुमत" था, लेकिन उसने मंदिर पर काम शुरू करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया. उन्होंने कहा, "हमने संवैधानिक अनुशासन और भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन किया. इसलिए मुझे लगता है कि जब प्रधानमंत्री राम मंदिर के बारे में बोलते हैं या कोई भी भाजपा सदस्य राम मंदिर के बारे में बोलता है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने के संदर्भ में है. क्या हमने इसका पालन नहीं किया? क्या हमने धैर्य नहीं दिखाया और यह सुनिश्चित करने के लिए इंतजार किया कि किसी भी तरह से न्याय क्षतिग्रस्त नहीं हो."
प्रज्वल रेवन्ना पर की बात
जनता दल सेक्युलर के नेता व हासन के सांसद और लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) पर जब महिला एवं बाल विकास मंत्री से पूछा गया कि उनका पासपोर्ट रद्द क्यों नहीं किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस दिया है." मैं आदर्श आचार संहिता के कारण आधिकारिक आदेश पारित नहीं कर सकती... मुझे लगता है कि न केवल मैं, बल्कि गृह मंत्री सहित पूरा भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे पर बहुत अधिक उग्र है.''