युद्धपोत 'इम्फाल' अगले महीने नौसेना में होगा शामिल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे अनावरण

पुराने युद्धपोत की तुलना में ये कहीं ज़्यादा आधुनिक और शक्तिशाली है. इससे नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और समंदर में चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाएगी.

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नई दिल्ली:

गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर इम्फाल अगले महीने नौसेना में शामिल होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को इम्फाल के क्रेस्ट का अनावरण करेंगे. पहले युद्धपोत का नाम नार्थ ईस्ट के शहर के नाम पर रखा गया है. इस कटेगरी के दो युद्धपोत पहले ही नौसेना में शामिल हो चुके हैं. इसे मुम्बई के मझगांव शिपयार्ड ने बनाया है.

इस युद्धपोत के 75 फीसदी से ज़्यादा उपकरण देश में बने हैं. ये राडार की पकड़ में भी नहीं आता है. इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और वजन 7400 टन है. इस पोत पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं. इसकी स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटा है. ये 42 दिन तक समुद्र में रह सकता है.

युद्धपोत में दो हेलीकॉप्टर भी तैनात हो सकते हैं. चार पावरफुल गैस टरबाइन लगे हैं. जमीन से हवा और जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल भी तैनात हैं. ब्रह्मोस और बराक तो है ही, दुश्मन की पनडुब्बी को नष्ट करने वाला रॉकेट लांचर भी है, तो वहीं 76 मिलीमीटर का गन भी है.

पुराने युद्धपोत की तुलना में ये कहीं ज़्यादा आधुनिक और शक्तिशाली है. इससे नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और समंदर में चीन और पाकिस्तान से मिलने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाएगी.

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