क्या हिंदुओं की जमीन पर हक जमा सकता है वक्फ? यहां जानें 10 सबसे जरूरी सवालों के जवाब

वक्फ की ज़मीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और ज़मीनों को ग़ैर क़ानूनी तरीक़ों से बेचने से बचाने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया था.

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वक्फ के पास जमीन के हक के लिए शक्तिशाली अधिकार
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड पर अंकुश लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक़ सरकार ने वक्फ क़ानून में संशोधन के बिल को मंजूरी दे दी है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में वक्फ क़ानून में क़रीब चालीस संशोधनों को मंजूरी मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि अगले सप्ताह ये बिल संसद में लाया जा सकता है. संशोधनों के अनुसार अब वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर दावा करेगा उसका सत्यापन करना अनिवार्य होगा. इसी तरह वक्फ की विवादित संपत्तियों का भी सत्यापन ज़रूरी हो जाएगा. बता दें कि साल 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्डों को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार प्रदान करते हुए उसकी ताकत बढ़ा दी थी. पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में कई बदलाव किए थे.

वक़्फ़ बोर्ड क्या होता है?

वक़्फ़ का मतलब होता है ‘अल्लाह के नाम'. यानी ऐसी ज़मीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है लेकिन मुस्लिम समाज से उनका ताल्लुक हैं, वो वक़्फ की ज़मीनें होती हैं. जिसमें मस्ज़िद, मदरसे, क़ब्रिस्तान, ईदगाह, मज़ार और नुमाइश की जगहें प्रमुख तौर पर शामिल हैं. लेकिन एक वक्त के बाद ऐसा देखा गया कि ऐसी ज़मीनों को ग़लत तरीक़े से इस्तेमाल किया जा रहा है और यहां तक की इन्हें बेचा जा रहा है. ऐसे में वक्फ बोर्ड मुस्लिम समाज की ज़मीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था. वक्फ की ज़मीनों के बेजा इस्तेमाल को रोकने और ज़मीनों को ग़ैर क़ानूनी तरीक़ों से बेचने से बचाने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया था.

वक्फ को लेकर 10 सवाल, 10 जवाब

1. वक्फ अधिनियम कब पहली बार पारित हुआ

वक्फ अधिनियम पहली बार 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया था. इसके बाद इसे निरस्त कर दिया गया. फिर साल 1995 में एक नया वक्फ अधिनियम पारित किया गया, जिसमें वक्फ बोर्डों को और भी अधिक अधिकार दिए गए.

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2. कब हुआ संशोधन

2013 में, इस अधिनियम में और संशोधन किए गए, जिससे वक्फ बोर्डों को किसी की भी संपत्ति पर हक जमाने के असीमित अधिकार मिल गए, जिसे किसी भी अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकती थी. मार्च 2014 में, लोकसभा चुनाव शुरू होने से ठीक पहले, कांग्रेस ने इस कानून का इस्तेमाल करके दिल्ली में 123 प्रमुख संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दीं.

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3. इस कानून से क्या नुकसान

इस कानून के कारण अब तक देश में हिंदुओं की हजारों एकड़ जमीन छीनी जा चुकी है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने हिंदू मंदिर सहित 6 गांवों को वक्फ संपत्ति घोषित किया है.

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4. वक्फ को कैसे मिले इतने शक्तिशाली अधिकार

आखिर वक्फ के पास इतने शक्तिशाली अधिकार कहां से आए. इस बारे में जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटना होगा. दरअसल, बंटवारे के बाद पाकिस्तान से जो हिंदू भारत आए, पाकिस्तान में उनकी संपत्तियों पर मुसलमानों और पाकिस्तान सरकार का कब्जा था. लेकिन भारत सरकार ने भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों की जमीन का हक वक्फ बोर्डों को दे दिया. जिसके बाद साल 1954 में वक्फ बोर्ड एक्ट बनाया गया. लेकिन साल 1995 में वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव कर वक्फ बोर्डों को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार दे दिए गए. 

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5. वक्फ के पास कितनी संपत्तियां

वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, इस समय वक्फ बोर्डों के पास कुल 8,54,509 संपत्तियां हैं जो आठ लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली हुई हैं. ऐसा माना जाता है कि सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ के पास ही है.

6. वक्फ बोर्ड की जमीन कैसे बढ़ती जा रही है? 

वक्फ बोर्ड देश में जहां भी कब्रिस्तान की चारदीवारी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को अपनी संपत्ति मानता है. इसी तरह अवैध मजार और मस्जिदों को धीरे-धीरे वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति घोषित कर रहा है. 

7. कोर्ट का रुख भी नहीं कर सकता जमीन मालिक

वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 3 में कहा गया है कि अगर वक्फ को लगता है कि जमीन वक्फ की संपत्ति है. तो उसके लिए सिर्फ इतना सोचना ही काफी है, इसके लिए वक्फ बोर्ड को किसी सबूत की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर वक्फ ये मान ले कि आपकी संपत्ति वक्फ बोर्ड की है, तो आप कोर्ट भी नहीं जा सकते. हालांकि आप वक्फ ट्रिब्यूनल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

8. क्या बदल सकता है वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल का फैसला

वक्फ अधिनियम की धारा 85 में कहा गया है कि अगर आप वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल को यह साबित नहीं कर पाते कि यह आपकी अपनी जमीन है, तो आपको जमीन खाली करने का आदेश दिया जाएगा. ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम और सर्वमान्य होगा. कोई भी अदालत, यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट भी, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को नहीं बदल सकता.

9. वक्फ एक्ट जैसा कानून कैसे लागू हुआ

साल 1991 में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट बनाया गया जिसमें कहा गया है कि देश की आजादी के समय जो धार्मिक स्थल मौजूद थे, उन्हें वैसे ही बरकरार रखा जाएगा. वहीं, 1995 में वक्फ एक्ट लागू होता है, जो देशभर के वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति पर अपना हक जताने का अधिकार देता है और इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष देश की किसी भी अदालत में अपील भी नहीं कर सकता.

10. किसी मुस्लिम देश में भी ऐसा कोई एक्ट है?

किसी मुस्लिम देश में ऐसा एक्ट नहीं है. तुर्की, लीबिया, मिस्र, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और इराक जैसे मुस्लिम देशों में न तो वक्फ बोर्ड है और न ही वक्फ कानून. 

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