वक्फ विधेयक: संसदीय समिति ने राज्य सरकारों के 'अनधिकृत कब्जे वाली संपत्तियों की जानकारी मांगी

सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने पाया है कि 2005-06 में सच्चर समिति को दी गई रिपोर्ट में दिल्ली में 316, राजस्थान में 60 और कर्नाटक में 42 ऐसी संपत्तियों के बारे में बताया गया था. इनमें से 53 मध्य प्रदेश में, 60 उत्तर प्रदेश में और 53 ओडिशा में थे.

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नई दिल्ली:

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसदीय समिति ने विभिन्न राज्य सरकारों से उन वक्फ संपत्तियों की सत्यता और अद्यतन विवरण के बारे में जानकारी मांगी है, जिन पर सच्चर समिति के अनुसार उन्होंने अनधिकृत तरीके से कब्जा कर रखा है. संसदीय समिति का कार्यकाल लोकसभा द्वारा अगले बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ा दिया गया है. समिति ने राज्यों से वक्फ अधिनियम की धारा 40 का इस्तेमाल करते हुए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का विवरण भी मांगा है.

धारा 40, जो 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान किया गया संशोधन है, मौजूदा कानून के सबसे विवादित तथ्यों में से एक है क्योंकि इसने वक्फ बोर्डों को यह निर्णय लेने की शक्ति दी है कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं.

प्रस्तावित कानून में मौजूदा अधिनियम में कई अन्य बदलाव करते हुए इस शक्ति पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है. सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति ने सच्चर समिति द्वारा उन वक्फ संपत्तियों के बारे में उठाए गए बिंदुओं पर अद्यतन जानकारी मांगने का निर्णय लिया है, जो राज्य सरकारों या उनकी आधिकारिक एजेंसियों के कथित तौर पर अनधिकृत कब्जे में हैं.

सच्चर समिति को 2005-06 के दौरान विभिन्न राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा कथित अनधिकृत कब्जे के बारे में सूचित किया गया था. संसदीय समिति केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के माध्यम से राज्यों से जानकारी एकत्र कर रही है.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति ने पाया है कि 2005-06 में सच्चर समिति को दी गई रिपोर्ट में दिल्ली में 316, राजस्थान में 60 और कर्नाटक में 42 ऐसी संपत्तियों के बारे में बताया गया था. इनमें से 53 मध्य प्रदेश में, 60 उत्तर प्रदेश में और 53 ओडिशा में थे.

सूत्रों ने बताया कि समिति ने इन सभी छह राज्यों से अद्यतन जानकारी मांगी है. उन्होंने बताया कि समिति को कई अन्य राज्यों से भी जानकारी मिली है. एक सूत्र ने पत्र का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उपर्युक्त राज्यों के मुख्यमंत्री कृपया सच्चर समिति की रिपोर्ट में दी गई जानकारी की सत्यता की विस्तार से जांच करें... और इस समिति को विस्तार से जानकारी दें.''

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तत्कालीन संप्रग सरकार ने भारत में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए 2005 में सच्चर समिति का गठन किया था. लोकसभा ने गत 28 नवंबर को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाने को मंजूरी दी थी.

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