वक्फ बिल जेडीयू में बगावत की पहली चिंगारी, सीनियर नेता कासिम अंसारी का इस्तीफा

जेडीयू के सीनियर नेता डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने लोकसभा में वक्फ बिल का समर्थन करने पर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.

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वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में देर रात पारित किया गया. कई मंचों पर विरोध के बावजूद एनडीए में शामिल जेडीयू ने समर्थन दिया. इस फैसले के बाद जेडीयू के नेताओं ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जनता दल (यूनाइटेड) के दो प्रमुख नेताओं ने वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने में पार्टी के समर्थन को लेकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

जेडीयू के वरिष्ठ नेता डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना त्याग पत्र भेज दिया है. उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा, 'उन्हें और लाखों करोड़ों भारतीय मुसलमानों को विश्वास था कि नीतीश कुमार विशुद्ध रूप से सेक्युलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं, लेकिन अब यह विश्वास टूट गया है.'

कासिम अंसारी ने वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर जेडीयू के स्टैंड की आलोचना की है और कहा है कि इससे उन्हें और लाखों करोड़ों समर्पित भारतीय मुसलमानों एवं कार्यकर्ताओं को गहरा आघात लगा है. उन्होंने यह भी कहा है कि लोकसभा में ललन सिंह ने जिस तेवर और अंदाज से अपना वक्तव्य दिया और इस बिल का समर्थन किया, उससे वे काफी मर्माहत हुए हैं.

दूसरे नेता मोहम्मद अशरफ अंसारी, जो जेडी(यू) अल्पसंख्यक शाखा के प्रमुख हैं, ने अपने त्यागपत्र में कहा कि लाखों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास है कि नीतीश कुमार पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के ध्वजवाहक हैं.

अशरफ अंसारी ने कहा कि लेकिन अब यह विश्वास टूट गया है. लाखों समर्पित भारतीय मुसलमान और हमारे जैसे कार्यकर्ता जेडी(यू) के रुख से बहुत आहत हुए हैं. ललन सिंह ने जिस तरीके और शैली में अपना भाषण दिया और लोकसभा में इस विधेयक का समर्थन किया, उससे हम बहुत दुखी हैं. वक्फ विधेयक भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है.

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जनता दल-यूनाइटेड के सांसद एवं पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को उनकी पार्टी के पूर्ण समर्थन की घोषणा करते हुए लोकसभा में बुधवार को कहा कि विपक्षी दल इस विधेयक को लेकर एक अलग तरह का विमर्श गढ़ने की और देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित हो गया. विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिल गई. इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली. इसके अलावा, मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 का निरसन करने वाला मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी सदन में ध्वनि मत से पारित हो गया.

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