तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) में मतभेदों के लिए सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने में कांग्रेस पार्टी की विफलता को जिम्मेदार ठहराया. बनर्जी ने दावा किया कि पिछले आठ महीनों में बार-बार याद दिलाने के बावजूद, कांग्रेस सीट-बंटवारा समझौते पर मुहर लगाने में निष्क्रिय रही.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने ‘‘भाजपा के हाथों में खेलने'' और राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार पर बार-बार हमला करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की आलोचना की.
टीएमसी नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘गठबंधन के मानदंडों के अनुसार, सबसे पहली चीज जो आप करते हैं, वह सीट-बंटवारे पर मुहर लगाना है. हमने सीट-बंटवारे के मुद्दे पर मुहर लगाने के लिए आठ महीने तक इंतजार किया था, लेकिन कांग्रेस निष्क्रिय बैठी रही और कुछ भी आगे नहीं बढ़ पाया.''
पिछली बैठकों में उठाया था सीट बंटवारे का मुद्दा
उन्होंने कहा, "हमने कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई बार चर्चा की. दिल्ली में पिछली बैठक में ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया था कि सीट-बंटवारे की बातचीत को 31 दिसंबर तक अंतिम रूप दिया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने ऐसा नहीं किया और किसी भी बातचीत में भाग लेने से परहेज किया."
टीएमसी नेता ने कहा कि सीट बंटवारे का मुद्दा पटना, बेंगलुरु और यहां तक कि पिछली बैठक में भी उठाया गया था.
पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
हालांकि, अभिषेक बनर्जी ने दोहराया कि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' का हिस्सा बनी हुई है.
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