कैसे वधावन बंदरगाह देगा भारत को वैश्विक पहचान, पैदा होगी लाखों नौकरियां

नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार का यह कदम दुनिया भर के बंदरगाहों के बीच इस बंदरगाह के निर्माण के साथ भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा.

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नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,220 करोड़ रुपये की लागत से बनने के लिए प्रस्तावित मेगा वधावन बंदरगाह न केवल समुद्री व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा.  

इसके साथ ही यह औद्योगिक विकास की एक नई पहचान बनेगा. इसके जरिए 10 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे.

इस वधावन बंदरगाह को हर मौसम के लिए उपयुक्त ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर विकसित किया जा रहा है. 

नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार का यह कदम दुनिया भर के बंदरगाहों के बीच इस बंदरगाह के निर्माण के साथ भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा.

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों द्वारा भारत की कार्गो सेवा तेजी से प्रसार ले रही है और वित्त वर्ष 2024 में 12.31 मिलियन टीईयू तक पहुंच गई है, जो वित्त वर्ष 2023 में 11.39 मिलियन टीईयू थी.

अकेले अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एपीएसईज़ेड) जिसके पास पश्चिमी तट पर सात बंदरगाह और टर्मिनल के साथ पूर्वी तट पर आठ बंदरगाह और टर्मिनल हैं, यह देश के कुल कार्गो का 27 प्रतिशत सेवा मुहैया कराता है.

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अदाणी पोर्ट्स वित्त वर्ष 2024 में 24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 420 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की रिकॉर्ड वॉल्यूम तक पहुंच गया है.

दो साल से भी कम समय में 100 एमएमटी की कार्गो वॉल्यूम वृद्धि हासिल करने के साथ, एपीएसईज़ेड 2025 में 500 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम हासिल करने के लिए तैयार है, जिसमें हाल ही में अधिग्रहण किए गए गोपालपुर बंदरगाह और चालू वर्ष में विझिंजम बंदरगाह के साथ अगले साल श्रीलंका का वेस्ट कंटेनर टर्मिनल इसमें शामिल होना है.

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मंत्रालय की मानें तो वधावन बंदरगाह में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे. जिसमें से हर कंटेनर टर्मिनल 1,000 मीटर लंबा होगा. 

इस बंदरगाह की क्षमता प्रति वर्ष 298 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) होगी, जिसमें लगभग 23.2 मिलियन टीईयू कंटेनर हैंडलिंग क्षमता शामिल होगी.

इस वधावन बंदरगाह का काम पूरा होने पर यह दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में से एक होगा. पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के तहत इस परियोजना में लगभग 10 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

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महाराष्ट्र के बंदरगाह मंत्री संजय बंसोडे के अनुसार, वधावन बंदरगाह राज्य के लिए गेम चेंजर साबित होगा. जिससे उसे 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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