बेबी केयर सेंटर का वो काला चिट्ठा, जानें- किन लापरवाहियों ने ले ली 7 मासूमों की जिंदगी

दिल्ली पुलिस के मुताबिक BAMS डॉक्टरों की ड्यूटी लगी थी, जो बच्चों की केयर करने के लिए क्वालिफाइड नहीं थे. दिल्ली सरकार ने बेबी केयर सेंटर को जो लाइसेंस जारी किया था वो 31 मार्च 2024 को एक्सपायर हो गया था.

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नई दिल्ली:

दिल्ली के विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में लगी आग मामले में एक बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक बेबी केयर सेंटर में आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे. साथ ही सेंटर में अंदर आने और बाहर जाने का सही इंतजाम नहीं था. वहीं, कोई इमरजेंसी एग्जिट भी नहीं था.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक BAMS डॉक्टरों की ड्यूटी लगी थी, जो बच्चों की केयर करने के लिए क्वालिफाइड नहीं थे. दिल्ली सरकार ने बेबी केयर सेंटर को जो लाइसेंस जारी किया था वो 31 मार्च 2024 को एक्सपायर हो गया था. लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद केवल 5 बेड की अनुमति थी. लेकिन घटना के वक्त 12 बच्चे एडमिट थे.

मालिक और डॉक्टर गिरफ्तार
अब तक जांच में पता चला है कि आज लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है. डॉक्टर आकाश और डॉक्टर नवीन को अरेस्ट किया गया है ,आकाश ने बीएएमएस किया है. एफआईआर में आईपीसी 304 और 308 की धारा जोड़ दी गई है. हादसे के वक्त ऑक्सीजन के 32 सिलिंडर थे.

सेंटर में एक ही एंट्री और एग्जिट गेट था
बेबी केयर सेंटर में एक ही एंट्री और एग्जिट गेट था . नवजात बच्चों को रखने के लिए एक दिन के ₹15000 लिया जाता था.  साल 2021 में एक केस दर्ज हुआ था क्योंकि नवीन के केयर सेंटर में एक नर्स का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक बच्चे को पीट रही थी. 

पुलिस ने बेबी केयर सेंटर के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. यहां आग लगने से सात बच्चों की मौत हो गई थी. आग लगने के समय ड्यूटी पर मौजूद एक अन्य डॉक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची आग लगने के बाद से ही फरार था.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए कार्रवाई के आदेश
इससे पहले दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नवजात शिशुओं की मौत पर स्वास्थ्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी, जो भी व्यक्ति दोषी हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सहानुभूति के सारे शब्द कम हैं.

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