- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के देवभोग के मडागांव में दो दोस्तों को क्रिकेट खिलाड़ियों के कॉल आने लगे.
- कॉल करने वाले खुद को विराट कोहली, एबी डिविलियर्स और रजत पाटीदार बता रहे थे.
- टेलीकॉम कंपनियां 90 दिनों से निष्क्रिय नंबरों को रीसायकल करती हैं, जिससे यह गड़बड़ी हुई.
सोचिए कि आप अपने गांव की किसी किराना शॉप पर बैठे हैं और आपका फ़ोन बजता है. उठने पर आवाज आती है, "हैलो, मैं विराट कोहली (Virat Kohli) बोल रहा हूं." कुछ ही देर बाद एक और कॉल आती है, "मैं एबी डिविलियर्स बोल रहा हूं," फिर एक और कॉल, "मैं रजत पाटीदार हूं." ये सब सुनने में किसी बॉलीवुड कॉमेडी फिल्म के सीन जैसा लगता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के देवभोग के मडागांव के लोगों के लिए, यह असल ज़िंदगी का एक क्रिकेट का ट्विस्ट था.
अनजाने में हो गई रजत पाटीदार से बात
मनीष बीसी और खेमराज, दो अनजान दोस्त, अचानक क्रिकेट जगत के दिग्गजों की वीआईपी कॉन्टैक्ट लिस्ट में आ गए. यह सब शुरू हुआ 28 जून को, जब मनीष ने एक लोकल मोबाइल शॉप से रिलायंस जियो की नई सिम खरीदी. यह सब कुछ नॉर्मल लग रहा था, जब तक कि व्हाट्सएप लोड नहीं हुआ और प्रोफ़ाइल पिक्चर के रूप में रजत पाटीदार की तस्वीर नहीं दिखाई दी. पहले तो दोस्तों ने सोचा कि यह मज़ाक है. लेकिन फिर कॉल आने लगे, पड़ोसियों या रिश्तेदारों से नहीं, बल्कि क्रिकेट दिग्गजों और उनके साथियों से. किसी ने खुद को विराट कोहली बताया, तो किसी ने एबी डिविलियर्स.
'हम MS धोनी बोल रहे हैं'
मनीष और खेमराज ने इसे मज़ाकिया अंदाज़ में लिया. जब भी कोई फ़ोन आता, त वे लोग भी खुद को "महेंद्र सिंह धोनी" बताने लगे. 15 जुलाई को, मनीष को एक अनजान नंबर से फिर से फ़ोन आया. इस बार, एक विनम्र आवाज़ में कहा गया, "भाई, मैं रजत पाटीदार हूं. यह नंबर मेरा है, कृपया इसे वापस कर दीजिए." दोनों दोस्तों को लगा कि ये कोई मजाक है, इसीलिए उन्होंने जबाव दिया, "हम एमएस धोनी हैं."
छोटी सी दुरान बनी क्रिकेट जगत की हॉटलाइन
रजत पाटीदार ने बहुत ही धैर्यपूर्वक तरीके से उन लोगों से कहा कि यह नंबर बहुत ही अहम है, जिस पर उनके कोच, दोस्त और क्रिकेट जगत के दिग्गज जुड़े हुए है. तब भी मजाक बंद नहीं हुआ. उन लोगों को ये समझ ही नहीं आया कि ये कोई मजाक नहीं बल्कि सच्चाई है. जब मज़ाक बंद नहीं हुआ, तो उन्होंने शांति से चेतावनी दी, "ठीक है, मैं पुलिस भेजूंगा."
'मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया'
10 मिनट के भीतर, पुलिस उनके दरवाज़े पर भी पहुंच गई. तब जाकर उनको समझ आया कि वे असली रजत पाटीदार से बात कर रहे थे. दोनों ने बिना किसी हिचकिचाहट के सिम वापस कर दिया. विराट कोहली के जरा फैन खेमराज के लिए, ये अनजाने कॉल उनकी लाइफ के सबसे यादगार पल थे. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा गलत नंबर की वजह से मुझे कोहली से बात करने का मौका मिला. मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया.
जानें रजत पाटीदार ने क्यों किया कॉल?
गांव के लोगों ने मडागांव के "क्रिकेट के नक्शे पर" होने का मज़ाक उड़ा रहे हैं. मनीष और खेमराज उम्मीद कर रहे हैं कि रजत पाटीदार इस बार अपने सिम कार्ड के लिए नहीं, बल्कि शुक्रिया अदा करने के लिए फिर से उनको कॉल करें. दरअसल ये गड़बड़ी इसलिए हुई क्यों कि टेलकॉम कंपनियां
90 दिनों से ज़्यादा समय तक इनएक्टिव रहने वाले नंबरों को रीसायकल करती हैं. रजत पाटीदार का पुराना नंबर इनएक्टिव करके मनीष को दे दिया गया था, जिससे अनजाने में एक छोटी सी किराने की दुकान क्रिकेट हॉटलाइन में बदल गई.