मणिपुर की हिंसा ने देश की आत्मा पर गहरा आघात किया है : सोनिया गांधी

सोनिया गांधी के मुताबिक कि मणिपुर के इतिहास में विभिन्न जाति, धर्म और पृष्ठभूमि के लोगों को गले लगाने की शक्ति और क्षमता है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
मणिपुर हिंसा पर सोनिया गांधी ने दिया बयान
नई दिल्ली:

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मणिपुर में हिंसा पर दुख जताते हुए बुधवार को कहा कि इसने राष्ट्र की अंतरात्मा पर गहरा आघात किया है. उन्होंने प्रदेश के लोगों से शांति एवं सौहार्द की अपील की और उम्मीद जताई कि मणिपुर के लोग इस त्रासदी से उबरेंगे. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मणिपुर के प्रिय भाइयों और बहनों, पिछले लगभग 50 दिनों से हम मणिपुर में एक बड़ी मानवीय त्रासदी देख रहे हैं. इस हिंसा ने आपके राज्य में हजारों लोगों का जीवन उजाड़ दिया है.उन्होंने कहा कि इस घटना ने राष्ट्र की अंतरात्मा पर एक गहरा आघात किया है.

उनका कहना था कि मेरी उन सभी के प्रति गहरी संवेदना हैं जिन्होंने इस हिंसा में अपनों को खोया है. मुझे यह देखकर बेहद दुख होता है कि लोग उस जगह को छोड़कर जाने के लिए मजबूर हैं जिसे वे अपना घर कहते हैं. अपने जीवन भर का बनाया हुआ सब कुछ पीछे छोड़ जाते हैं. शांतिपूर्वक एक दूसरे के साथ रहने वाले हमारे भाई-बहनों को एक-दूसरे के खिलाफ होते देखना बहुत दुखद है. 

सोनिया गांधी के मुताबिक कि मणिपुर के इतिहास में विभिन्न जाति, धर्म और पृष्ठभूमि के लोगों को गले लगाने की शक्ति और क्षमता है. यह एक विविध समाज की संभावनाओं का प्रमाण है. भाईचारे की भावना को जिंदा रखने के लिए विश्वास और सद्भावना की जरूरत होती है, वहीं नफरत और विभाजन की आग को भड़काने के लिए सिर्फ एक गलत कदम की. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि आज हम एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं. किसी भी राह पर चलने का हमारा चुनाव एक ऐसे भविष्य को आकार देगा जो हमारे बच्चों को विरासत में मिलेगा. मैं मणिपुर के लोगों, विशेष रूप से अपनी बहादुर बहनों से यह अपील करती हूं कि वे इस खूबसूरत धरती पर शांति और सद्भाव की राह का नेतृत्व करें. एक मां के रूप में मैं आपके दर्द को समझती हूं. मैं आप सभी से यह निवेदन करती हूं कि अपनी अंतरात्मा की आवाज को पहचानें. मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में हम परस्पर विश्वास का मजबूती से पुनर्निर्माण करेंगे. 

Advertisement

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुझे मणिपुर के लोगों से बहुत उम्मीदें हैं और उनके ऊपर बहुत विश्वास है. मैं जानती हूं कि हम सभी मिलकर यह परीक्षा की घड़ी भी पार कर लेंगे. मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mahakumbh Fire Update: महाकुंभ में Cylinder Blast से लगी भीषण आग, कितना हुआ नुकसान? देखें रिपोर्ट
Topics mentioned in this article