महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा, कई घायल; वाहन जलाए

पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की जांच का आदेश दिया

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जालना में पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया.
मुंबई:

महाराष्ट्र के जालना जिले में शुक्रवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा हुई. इसमें कम से कम 12 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. जालना के पास अम्बड तहसील में शुक्रवार को आंदोलन पर बैठे मराठा समाज के लोगों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया. आरोप है कि आंदोलनकारियों ने धुले-सोलापुर हाईवे बंद कर दिया था. बताया जाता है कि वहां पत्थरबाजी हुई, जिस पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया. मराठा समाज ने लाठीचार्ज का विरोध किया. हाईवे पर वाहन जलाए गए हैं.

आंदोलनकारियों का आरोप है कि वे शांति से भूख हड़ताल पर बैठे थे, इसके बावजूद  पुलिस ने बल प्रयोग किया. इसमें कुछ लोग घायल हुए, एक महिला को भी चोट आईं. इससे नाराज होकर लोगों ने हाईवे पर आकर वाहन जलाए.

जालना जिले के अंतरावली सराती गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनकारी भूख हड़ताल पर बैठे थे. गत 29 अगस्त से आरक्षण की मांग को लेकर मराठा मोर्चा के संयोजक मनोज जारांगे समेत 10 लोग धरने पर बैठे थे. आज पुलिस ने भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की. इससे माहोल तनावपूर्ण हो गया.

पुलिस के मुताबिक आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. बदले में पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर बितर किया. लाठी चार्ज से नाराज  प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर जाकर दो से तीन वाहनों में आग लगा दी.

जालना में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज पर मराठा मोर्चा के संयोजक वीरेंद्र पवार ने कहा कि, राज्य सरकार को यह महंगा पड़ेगा. मराठों के साथ यह व्यवहार नहीं चलेगा.

आरोप है कि पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की है लेकिन अभी तक इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है.

अजित पवार ने कहा, मामले की जांच होगी

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने घोषणा की है कि, जालना के अम्बड में मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की जांच होगी और सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. अजीत पवार ने कहा कि वे मराठा प्रदर्शनकारियों के साथ हैं. नागरिकों से आग्रह है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि राज्य में हालात न बिगड़ें और शांति, कानून एवं व्यवस्था बरकरार रहे.

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महाराष्ट्र में सिर्फ तानाशाही चल रही : शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि, ''महाराष्ट्र में इस वक्त सिर्फ और सिर्फ तानाशाही चल रही है. राज्य सरकार और गृह विभाग को राज्य में शांति बनाए रखने का काम सौंपा गया है, लेकिन गृह मंत्रालय के प्रशासकों ने मराठा प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया है.  ये बहुत परेशान करने वाली बात है.  जालना में हुई इस अमानवीय घटना के लिए राज्य का गृह मंत्रालय जिम्मेदार है और मैं सार्वजनिक रूप से इस घटना की निंदा करता हूं.''

सरकार का रुख मराठा समुदाय को आरक्षण देने का : एकनाथ शिंदे

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जालना जिले में मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच का आदेश भी दिया है. मुख्यमंत्री शिंदे कहा कि, राज्य सरकार का ईमानदार रुख मराठा समुदाय को आरक्षण देने का है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

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शिंदे ने कहा कि घटना की जानकारी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से ली गई है. आंदोलन के नेताओं से भी बातचीत की और उनसे आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अधिकारी उनके मुद्दों पर युद्ध स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं. 

लेकिन आंदोलनकारी भूख हड़ताल पर डटे रहे लिहाजा उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया.  आज कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक उनसे मिलने पहुंचे थे. उनकी हालत देखकर उन्होंने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का भी अनुरोध किया था.

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मुंबई में कल मराठा क्रांति मोर्चा की आवश्यक बैठक होगी. शाम 4 बजे दादर में होने वाली बैठक में सभी पदाधिकारियों को बुलाया गया है. इसमें ग्राम अंतरवाली सरती में मराठा आरक्षण के लिए शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे मराठों को सरकार द्वारा बेरहमी से पीटने का विरोध किया जाएगा. आगे के आंदोलन की दिशा तय की जाएगी.

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