कलकत्ता हाई कोर्ट (Kolkata High Court) के निर्देशानुसार अनीस खान (Anees Khan) की रहस्यमय ढंग से हुई मौत की जांच कर रहे विशेष जांच दल को दूसरी बार शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्र से निकालने के दौरान लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. एसआईटी (SIT) शव को निकालने के लिए सुबह 5:30 बजे मौके पर पहुंचा तो ग्रामीणों ने पूर्व छात्र नेता की ‘हत्या' में पुलिस की कथित भूमिका को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. अनीस संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन में एक प्रमुख चेहरा था.
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उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने पुलिस वाहन को घेर लिया जिससे उनका गाड़ी से उतरना मुश्किल हो गया. पुलिस ने बताया कि इसके बाद सदस्य कुछ ही समय बाद मौके से चले गए. पश्चिम बंगाल पुलिस ने बाद में अपने आधिकारिक हैंडल पर ट्वीट किया, ‘‘माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर, आज एसआईटी के सदस्य मजिस्ट्रेट के साथ पोस्टमॉर्टम के लिए अनीस खान के शव को निकालने गए थे, जिन्हें रोका गया. यह पश्चिम बंगाल के शीर्ष न्यायालय के आदेश का घोर उल्लंघन है.''
एक अन्य ट्वीट में कहा गया, ‘‘एसआईटी माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर खान मामले की जांच कर रही है, लेकिन अमता थाने और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में रोजाना हिंसक प्रदर्शनों हो रहे हैं, जिसका मकसद जांच को पटरी से उतारना और इसमें देरी करना है.''
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पीड़ित के पिता सलीम खान ने उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि उन्होंने एसआईटी को सोमवार दोपहर आने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, ‘‘वे इतने गुपचुप तरीके से सुबह-सुबह क्यों आए? मैंने उन्हें सूचित किया था कि मैं बीमार हूं और सोमवार से पहले बाहर नहीं जा पाऊंगा.'' इस बीच, माकपा और कांग्रेस की छात्र और युवा इकाई द्वारा शहर के जादवपुर और कॉलेज स्ट्रीट इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया गया .