माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी जल्द ही भारत में कानून के कठघरे में खड़े होंगे: सीतारमण

सरकार ब्रिटेन से माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही है, चोकसी एंटीगुआ-बारबोडास में है. सीतारमण ने राज्य सभा में बीमा (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान कहा कि हर कोई इस देश के कानून का सामना करने के लिए देश में वापस आ रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Vijay Mallya 9000 crore loan, Nirav Modi and Mehul Choksi, Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने कहा है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जल्द ही भारत में कानून के कठघरे में खड़े दिखाई देंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में कहा कि ये सभी भगोड़े कारोबारी कानून का सामना करने के लिए भारत वापस आ रहे हैं.

सरकार ब्रिटेन से माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही है, जबकि चोकसी एंटीगुआ-बारबोडास में है. सीतारमण ने राज्य सभा में बीमा (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी ये सभी इस देश के कानून का सामना करने के लिए वापस आ रहे हैं. हर कोई इस देश के कानून का सामना करने के लिए देश में वापस आ रहा है.

''तैयारी पूरी'': मुंबई की आर्थर रोड जेल कर रही 'वांटेड' कारोबारी नीरव मोदी का इंतजार

माल्या अपनी दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज को जानबूझ कर न चुकाने का आरोपी है और मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पीएनबी के साथ कर्ज में धोखाधड़ी के आरोपी है. सीबीआई जांच शुरू होने से पहले 2018 में दोनों भारत से भाग गए. बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अधिकतम सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने पर सीतारमण ने कहा कि हिस्सेदारी बढ़ने से कंपनियों का नियंत्रण विदेशी कंपनियों के पास चला जायेगा लेकिन इन कंपनियों में निदेशक मंडल और प्रबंधन के महत्वपूर्ण पदों पर भारतीय लोग ही नियुक्त होंगे और उन पर भारतीय कानून लागू होगा.

Advertisement

विजय माल्‍या अवमानना केस: सरकार ने बताया, 'ब्रिटेन में कानूनी जटिलताओं के कारण प्रत्‍यर्पण में हो रही देर'

बीमा संशोधन विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुये सीतारमण ने कहा कि देश के कानून अब काफी परिपक्व हैं, देश में होने वाले किसी भी परिचालन को वे नियंत्रण में रख सकते हैं. (कोई भी) इसे (धन को) बाहर नहीं ले जा सकता है और हम देखते नहीं रह सकते हैं. बीमा कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाने की वजह बताते हुये उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों पर नकदी का दबाव बढ़ रहा था. ऐसे में निवेश सीमा बढ़ने से उनकी बढ़ती पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.

Advertisement

हालांकि बीमा कंपनियों के निजीकरण का विरोध हो रहा है. एलआईसी का आईपीओ लाने के विरोध में इसके सवा लाख कर्मी एक दिन की हड़ताल पर जाने वाले हैं. इससे पहले बैंक कर्मी निजीकरण के खिलाफ दो दिन की हड़ताल कर चुके हैं.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sharda Sinha Death: 72 साल की उम्र में लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन | Chhath Puja