कबतक भारत लौटोगे साफ-साफ बताओ... हाईकोर्ट ने भगोड़े विजय माल्या को खूब सुनाया

मुंबई हाईकोर्ट ने विजय माल्या को सख्त संदेश दिया है कि भारत लौटने की योजना पर हलफनामा दाखिल किए बिना उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी. माल्या ने एफईओ अधिनियम और भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के आदेश को चुनौती दी है.

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Vijay Mallya High Court Hearing: मुंबई हाईकोर्ट ने विजय माल्या को साफ संदेश दिया है कि जब तक वह भारत लौटने की योजना पर हलफनामा दाखिल नहीं करता, उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी. अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) अधिनियम को चुनौती देने से पहले माल्या को खुद पेश होना होगा.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, विजय माल्या 2016 से ब्रिटेन में रह रहा है. उसने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं. एक में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के आदेश को चुनौती दी गई है और दूसरी में एफईओ अधिनियम की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया गया है. 70 वर्षीय कारोबारी से कोर्ट ने उसकी दो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान स्वदेश लौटने के बारे में पूछा.

अदालत का सवाल – भारत वापसी कब?

मुख्य न्यायाधीश चन्द्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने सवाल किया कि कारोबारी की कब भारत लौटने की योजना है? उच्च न्यायालय ने माल्या के वकील अमित देसाई को स्पष्ट कर दिया कि जब तक माल्या अदालत के समक्ष खुद को पेश नहीं करता, एफईओ अधिनियम के खिलाफ उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी.

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'कानून का दुरुपयोग न कर सकें'

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाओं का विरोध करते हुए दलील दी कि देश की अदालतों के समक्ष भगोड़ों के पेश हुए बिना किसी अधिनियम की वैधता को चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. 

उन्होंने उच्च न्यायालय से कहा कि एफईओ अधिनियम इसलिए लाया गया था ताकि ऐसे लोग देश से बाहर रहकर और अपने वकीलों के माध्यम से याचिकाएं दायर कर कानून का दुरुपयोग न कर सकें. मेहता ने उच्च न्यायालय को बताया कि माल्या के खिलाफ शुरू की गई प्रत्यर्पण प्रक्रिया आखिरी चरण में है.

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कौन सी याचिका को आगे बढ़ाना है?

पीठ ने स्पष्ट किया कि वह माल्या की दोनों याचिकाओं को एक साथ आगे नहीं बढ़ने दे सकती. उसने अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक माल्या से यह स्पष्ट करने को कहा कि वह कौन सी याचिका को आगे बढ़ाना चाहता है और कौन सी वापस लेना चाहता है.

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12 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

देसाई ने अदालत को बताया कि माल्या की 14,000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त होने और ऋणदाता बैंकों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की देनदारियों की वसूली के साथ वित्तीय देनदारी प्रभावी रूप से समाप्त हो गई है. उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी के लिए तय की है, तब तक माल्या को अदालत को यह बताना होगा कि वह किस याचिका को आगे बढ़ाना चाहता है. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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