छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले के मैत्री बाग चिड़ियाघर में मंगलवार को 'सिंघम' नाम के दो महीने के सफेद बाघ को केज से बाहर छोड़ा गया है. छह महीने पहले, रोमा (बाघिन) और सुल्तान (बाघ) ने सिंघम को जन्म दिया था और उसे किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसलिए दो माह तक विशेष ध्यान रखा गया. लेकिन अब उसे खुले बाड़े में छोड़ दिया गया है. एक अधिकारी के अनुसार, मौजूदा COVID महामारी के कारण बाघों के बीच प्रजनन रोक दिया गया था. कुछ महीने पहले एक बाघ और बाघिन को एक साथ लाया गया था. जिसके बाद सितंबर में सिंघम का जन्म हुआ.
मैत्री बाग चिड़ियाघर के प्रभारी एन के जैन ने एएनआई को बताया " महामारी के बीच पिछले दो वर्षों से बाघों के बीच प्रजनन रोक दिया गया था. छह महीने पहले, हम रोमा (बाघिन) और सुल्तान (बाघ) लाए थे और 5 सितंबर को एक बाघ शावक हुआ था. हमने उसका नाम सिंघम रखा. शावक स्वस्थ है.
वर्तमान में चिड़ियाघर में सात सफेद बाघ हैं. इनमें पांच नर और दो मादा शामिल हैं. जैन ने इससे पहले बताया था कि भारत और रूस की मित्रता का प्रतीक भिलाई के मैत्री बाग चिड़ियाघर में वर्ष 1997 में उड़ीसा के नंदन कानन चिड़ियाघर से तरुण और तापसी नामक नर और मादा सफेद बाघ का जोड़ा लाया गया था. इसके बाद से यहां लगातार सफेद बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.
इससे पहले अक्टूबर में, सिलीगुड़ी के पास बंगाल सफारी में खुले बाड़े में लगभग छह महीने की उम्र के चार बाघ शावकों को छोड़ा गया था. जानवर के व्यवहार का अध्ययन करने वाले विभिन्न परीक्षणों के बाद पश्चिम बंगाल चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा यह कदम उठाया गया था. अधिकारियों के अनुसार लगभग छह महीने की उम्र उन्हें खुले (बाड़े) में मुक्त करने के लिए एकदम सही उम्र है.
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