चेन्नई: हिरासत में मारे गए शख्स का वीडियो आया सामने, पुलिस पर उठने लगे कई सवाल

पुलिस हिरासत में मारे गए शख्स के परिवार को 10 लाख रुपये देने की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मामले की निष्पक्ष जांच का वादा किया है.

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फिलहाल सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि नहीं
चेन्नई:

चेन्नई के एक पुलिस स्टेशन में कथित तौर पर पीटे जाने के बाद 25 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हुए एक हफ्ते समय बीत चुका है. अब इस मामले से जुड़ा एक असत्यापित सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. एनडीटीवी टेप की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहा है. वीडियो में एक व्यक्ति को दिखाया गया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि वीडियो दिख रहा शख्स ही विग्नेश है . जो कि चेन्नई के केलीज़ इलाके में सड़क से एक गली की ओर दौड़ते हुए नीचे गिर रहा है. दो पुलिस वाले उसका पीछा कर रहे हैं.

पुलिस बाद में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेती है और उसे एक बार पुलिस की डंडों से पीटा जाता है. जैसे ही पुलिस कर्मी उसे हिरासत में लेते हैं, एक पुलिस वाला जमीन से कुछ उठाता हुआ दिखाई देता है, जिसके बारे में पुलिस सूत्रों का दावा है कि विग्नेश ने पीछा करने के दौरान उन पर चाकू फेंका था. हालांकि, पुलिस के इस दावे पर एक मानवाधिकार संगठन ने सवाल उठाए हैं जो इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं.

पीपुल्स वॉच के निदेशक हेनरी तिफांगने उस मानवाधिकार संगठन से जुड़े हैं जिन्होंने इस मामले को उठाया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि व्यक्ति को रात 11 बजे से तीन घंटे तक प्रताड़ित किया गया. हालांकि सीबी-सीआईडी ने 21 अप्रैल को कार्यभार संभाला था, लेकिन उसे एक भी समन जारी नहीं किया गया था, मजिस्ट्रेट चुप क्यों है? क्योंकि संदिग्ध मौतों के मामलों में न्यायिक मजिस्ट्रेट की भूमिका खास होती है, " 

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह वह वीडियो है जिसे उन्होंने अदालत में पेश किया था. घटनाओं के क्रम के बारे में बताते हुए, जांच दल के एक सदस्य ने एनडीटीवी को बताया, "यह वह जगह है जहां विग्नेश ने चाकू फेंक कर पुलिस पर हमला करने का प्रयास किया था. "पुलिस का कहना है कि एक ऑटो में यात्रा कर रहे विग्नेश के पास से भांग (गांजा) मिला और उसने चाकू से पुलिस पर हमला करने और भागने का प्रयास किया.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तभी उसका पीछा किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि अगली सुबह विग्नेश को दौरा आया और चिकित्सा सहायता के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. इस मामले में दो पुलिसकर्मियों - एक एसआई और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. राज्य सरकार ने जांच सीबी-सीआईडी को सौंप दी.

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विग्नेश के परिवार को 10 लाख रुपये की राहत देने की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मामले की निष्पक्ष जांच का वादा किया है. राज्य विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने वाले विपक्ष और सहयोगियों को जवाब देते हुए स्टालिन ने कहा, "हमारी पार्टीसत्ता में है या नहीं, मगर इस बात को लेकर पार्टी दृढ़ है कि हिरासत में हुई मौतों की पूरी जांच होनी चाहिए और उचित कार्रवाई होनी चाहिए.

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