वीडियो: गुजरात में बाढ़ से चढ़ा इतना पानी, घर में घुस गया मगरमच्छ, देखिए

रिहाइशी इलाके में मगरमच्छ घुस आया है या फिर घर की घत पर मगरमच्छ आराम से सोता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में यह लोगों की जान के लिए खतरा भी पैदा कर रहा है.

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गुजरात में बारिश ने लोगों की जिंदगी में इस कदर तबाही मचाई हुई है कि लोग अपने घरों को तो छोड़ने पर मजबूर हो ही गए हैं, लेकिन अब उनके लिए मगरमच्छ भी एक समस्या बन गया है. दरअसल,सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें या तो रिहायशी इलाके में मगरमच्छ घुस आया है या फिर घर की घत पर मगरमच्छ आराम से सोता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में यह लोगों की जान के लिए खतरा भी पैदा कर रहा है. बता दें कि गुजरात में बारिश ने त्राहिमाम मचाया हुआ है और इस वजह से कई जगहों पर बाढ़ आ गई है. समुद्र का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है. ऐसे में मछुआरों को समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है. वहीं मौसम विभाग की मानें तो गुजरात में आने वाले अगले दो दिनों तक लगातार बारिश होने की संभावना है. 

बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की मौत

बता दें कि गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में 19 और लोगों की मौत हो गई, जिससे ऐसी घटनाओं में तीन दिन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी भारी बारिश जारी है. वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 17,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

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ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने से लापता हो गए थे 7 लोग 

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जान गंवाने वालों में वे सात लोग शामिल हैं जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवना गांव के पास एक पुल को पार करते समय एक ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे. इस पुल से होकर पानी बह रहा था. उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं. वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी के अपने तटों को तोड़कर आवासीय इलाकों में प्रवेश कर जाने से निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए.

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पीएम मोदी ने सीएम से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया

गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत करके स्थिति का जायजा लिया और इस संकट से निपटने के लिए राज्य को केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. बुधवार को द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिलीमीटर से लेकर 200 मिलीमीटर तक बारिश हुई. इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के भानवद तालुका में 185 मिलीमीटर बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को सौराष्ट्र के जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है.

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NDRF, SDRF और सेना ने फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर में अपने घरों और छतों में फंसे लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), और सेना की तीन टुकड़ियों ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया है. बुधवार को शहर में सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टुकड़ियां तैनात की गईं.

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सीएम ने अधिकारियों को दिए हैं ये निर्देश

मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होते ही वडोदरा शहर में सफाई उपकरण तैनात किए जाएं और कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए अहमदाबाद और सूरत के नगर निगमों और भरूच और आणंद की नगर पालिकाओं से टीमों को वडोदरा में तैनात किया जाए. मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को तैनात करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत से बाढ़ प्रभावित शहर में अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जानी चाहिए. (इनपुट भाषा से भी)

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