भारतीय सेना ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें लड़ाकू हेलीकॉप्टर रुद्र की जोरदार मारक क्षमता से रूबरू कराया गया है. वीडियो में दिख रहा है कि तीन आर्म्ड हेलीकॉप्टरों ने पूर्वोत्तर में एक हवाई क्षेत्र से उड़ान भरी. वे जब तक अपने फायरिंग जोन में लक्ष्य तक नहीं पहुंचे, तब तक एक समूह में उड़ान भरते रहे. इसके बाद हेलीकॉप्टरों में से एक ने अपने टारगेटों पर आग और फौलाद की बारिश शुरू कर दी.
भारतीय सेना की एविएशन यूनिट ने ध्रुव हेलीकॉप्टर के कॉम्बेट वर्जन और पहले स्वदेशी विकसित अटैक हेलिकॉप्टर 'रुद्र' के जरिए नई पीढ़ी की रॉकेट और गोला-बारूद प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.
सेना की स्पीयर कोर की ओर से एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में हेलीकॉप्टर के रॉकेट दागते हुए दृश्य हैं. इनमें हमलावर हेलीकॉप्टर रुद्र के हेड-अप डिस्प्ले (HUD) और नोज माउंटेड गन से फायरिंग होती दिख रही है. इसके जरिए लाइट आर्गर को भेदा जा सकता है.
टारगेटों पर अचूक गोलीबारी की गई क्योंकि रुद्र में गनर ने एचयूडी में डिजिटल रेटिकल को टारगेटों पर मजबूती से और सटीक रूप से स्थिर रखा.
स्पीयर कॉर्प्स ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "भारतीय सेना ने पहले स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर रुद्र से नई पीढ़ी के रॉकेट और गोला बारूद दागे. पहाड़ों पर यह प्लेटफार्म असरकारक है. इसमें इसकी स्ट्राइक क्षमता और घातकता बढ़ जाती है. कोर कमांडर ने एविएटर्स को उनकी व्यावसायिकता और ऑपरेशनल प्रिपेयर्डनेस के लिए बधाई दी."
रुद्र को भारतीय वायु सेना और आर्मी की जरूरतें पूरी करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन और विकसित किया हा. इस मल्टीरोल हेलिकॉप्टर का वजन 5.8 टन है.
इसका मुख्य रोल टैंकों को नष्ट करना, मुख्य बल के आगे स्काउट करना, ग्राउंड ट्रुप को फायर सपोर्ट देना और सशस्त्र टोह लेना और निगरानी करना है.
एचएएल ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि रुद्र का होवर परफार्मेंस "उत्कृष्ट" है क्योंकि इसे एकल इंजन की विफलता के मामले में पर्याप्त सुरक्षा मार्जिन के साथ चढ़ाई की उच्च दर के लिए डिजाइन किया गया है. यह ऊंचे-नीचे भूभागों पर परिचालन के लिए आदर्श है.
रुद्र 20 मिमी बुर्ज गन, 70 मिमी रॉकेट सिस्टम और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें ले जा सकता है.
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