Video : ऐसे भी होते हैं मंत्री और विधायक? मणिपुर में बाढ़ के कारण नदी में आया कचरा तो खुद करने लगे सफाई

हिंसा से जूझ चुके मणिपुर को बाढ़ ने बेहाल कर दिया है. हालांकि, जन-प्रतिनिधियों के इस काम को देखकर लगता है कि मणिपुर फिर से खड़ा होगा और विकास की राह पकड़ेगा.

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लीशांगथेम सुसिंद्रो को नंबुल नदी तट की ओर एक विशाल बुलडोजर चलाते हुए देखा गया.

रेमल के कारण आई वर्षा से मणिपुर की नंबुल नदी में जमा कचरे को साफ करने के लिए राज्य के एक मंत्री अपने साथी भाजपा विधायक के साथ पहुंच गए. मंत्री बुलडोजर पर नदी को साफ करते देखे गए. वहीं दूसरे भाजपा विधायक हवाई चप्पल पहने सफाई करते नजर आए. दोनों भाजपा विधायकों को नदी का कचरा साफ करते देख स्थानीय लोगों ने भी इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. इन दोनों का वीडियो भी लोगों ने वायरल कर दिया है.

चक्रवात रेमल के कारण मणिपुर में हुई भारी बारिश के बाद 30 मई को मणिपुर की राजधानी इम्फाल के मध्य की नंबुल नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया और कई इलाकों में नदी का तट टूट गया. सेना, असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और उसके राज्य समकक्ष एसडीआरएफ, पुलिस, और लघु सिंचाई और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बचाव और राहत कार्य के लिए समन्वय किया. हालांकि, बाढ़ के कारण काफी कचरा नदी में आ गया.  

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राहत कार्य में शामिल निवासियों द्वारा लिए गए मोबाइल वीडियो में, मणिपुर के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग मंत्री लीशांगथेम सुसिंद्रो को नंबुल नदी तट की ओर एक विशाल बुलडोजर चलाते हुए देखा गया. वहां, उन्होंने बुलडोजर के जरिए नदी में जमा कचरे को निकाला. सुसिंद्रो ने खुदाई करने वाले excavator को पटरियों पर चलाने के लिए हेवी-ड्यूटी रबर के जूते पहने थे, जो सामान्य पीले बुलडोजर से एक या दो आकार बड़े थे.

वहीं एक अन्य भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह भी टी-शर्ट, शॉर्ट्स और रबर चप्पल में स्थानीय लोगों के साथ एक पुल पर चलते हुए देखे गए. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "नंबुल नदी से सभी कचरे को हटाने से सागोलबंद और उरीपोक के आसपास सुचारू प्रवाह और कम बाढ़ सुनिश्चित होगी." घाटी के कई इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर गया है. मौसम कार्यालय ने 2 जून से बारिश नहीं होने का अनुमान लगाया था. हालांकि पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में हल्की बारिश होने की संभावना है.

पिछले चार दिनों में, पांच जिले इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, कांगपोकपी, सेनापति और जिरीबाम बुरी तरह प्रभावित हुए. कई क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ. चुराचांदपुर के कुछ इलाकों में भी बाढ़ का पानी जमा हो गया है. इम्फाल-सिलचर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें भी भूस्खलन और बाढ़ से अवरुद्ध हो गईं हैं.