जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर में 14 साल के बाद रविवार को एयरशो आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के विभिन्न लड़ाकू विमानों और चिनूक हेलीकॉप्टरों ने हैरतअंगेज़ करतब दिखाए. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के वायुसेना स्टेशन ने इस एयर शो को आयोजित किया था और सरकार ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव' के तहत इस कार्यक्रम का हिस्सा थी.
वायुसेना की आकाशगंगा स्काई डाइविंग और सूर्य किरण एयरोबैटिक डिस्प्ले टीमों ने इसमें हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य कश्मीर घाटी के युवाओं को जागरूक करना, उन्हें वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना एवं क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना था. इस कार्यक्रम की थीम ‘गिव विंग्स टू योर ड्रीम्स' (अपने सपनों को पंख लगाओ) थी.
श्रीनगर के डल झील के पास शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में घाटी के स्कूलों के सैकड़ों बच्चे और लोग इस कार्यक्रम के गवाह बने. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसका आगाज़ किया. कार्यक्रम वायुसेना के सबसे पुराने लड़ाकू विमान ‘मिग 21' के साथ शुरू हुआ जो प्रसिद्ध डल झील और एसकेआईसीसी में मौजूद दर्शकों के ऊपर से गुजरे.
जब चार मिग-21 लड़ाकू विमानों ने आसमान से मंच की ओर सलामी दी तो दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाईं. इसके बाद आकाशगंगा स्काइ डाइविंग टीम ने हैरान करने वाले करतब दिखाए और पायलटों ने विमानों से छलांग लगाई. स्क्वाड्रन लीडर आफताब खान की अगुवाई में 10 सदस्यीय टीम ने जमीन पर आने के दौरान रोमांचकारी करतब किए.
टीम के सदस्यों ने अपने पैराशूट खोले और विभिन्न रचनाओं का प्रदर्शन किया. आसमान में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, वायुसेना ध्वज और आकाशगंगा ध्वज लहराने लगे. टीम ने आसमान में तीन सदस्यीय तिरंगा रचना भी बनाई. इसके बाद तीन सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमान आसमान में पहुंचे. डल झील के ऊपर लोग उनके करतब और ‘त्रिशूर' रचना देखकर झूम उठे. इसके बाद सूर्यकिरण एयरोबैटिक डिस्प्ले टीम ने आसमान में अपनी प्रस्तुति दी. इसके अलावा बोइंग चिनूक सीएच-47 हेलीकॉप्टर ने भी कार्यक्रम में अपने करतब दिखाए.
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