उत्तर प्रदेश के उन्नाव में ब्रिटिश काल का पुराना यातायात पुल देर रात भरभरा कर गंगा नदी में गिर गया. यह पुल कानपुर और उन्नाव जिले को जोड़ता था. जर्जर होने के कारण चार साल पहले इस पुल पर आवागमन पूरी तरह से बंद करा दिया गया था. देर रात अचानक पुल का एक बड़ा हिस्सा नदी में गिरने की वजह से लोगों के बीच हड़कंप मच गया. वहीं राहत की बात ये रही कि पुल की कोठी टूटने की वजह से इसे बंद कर दिया गया था और इस वजह से लोगों को किसी तरह की हानि नहीं पहुंची. वहीं अब स्थानीय लोग जल्द से जल्द दूसरा पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं.
आपको बता दें कि उन्नाव सदर तहसील क्षेत्र में कानपुर उन्नाव को शुक्लागंज छोर से जोड़ने वाले इस ब्रिटिश पुल का निर्माण वर्ष 1874 में हुआ था और इसे लगभग 150 साल पहले ब्रिटिश शासन के दौरान अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनाया था. रेजीडेंट इंजीनियर एस. बी. न्यूटन और असिस्टेंट इंजीनियर ई. वेडगार्ड की देखरेख में आठ सौ मीटर लंबा यह पुल तैयार हुआ था. पुल की आयु 100 वर्ष बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा.
वहीं आपको बता दें की वर्ष 2021 में पुल की कनपुर की तरफ से 2, 10, 17, 22 नंबर की कोठियों में दरारें आ गई थीं, जिसके बाद सुरक्षा के दृष्टिगत तत्कालीन जिलाधिकारी उन्नाव रविंद्र कुमार ने 5 अप्रैल 2021 को इसे यातायात के लिए बंद करा दिया था. पुल के कानपुर और उन्नाव दोनों किनारों की तरफ दीवारें बनाई गई थीं ताकि लोग इसे पार न कर सकें. तब से यह पुल लगातार बंद चल रहा था, पुल को दोबारा मरम्मत करके चालू करवाने के लिए भी कई बार प्रयास किये गए, कई बार पुल की मजबूती के लिए सर्वे भी किया गया लेकिन सर्वे रिपोर्ट में पुल की मजबूती को लेकर संतोषजनक रिपोर्ट नही आई थी और मरम्मत के लिए 29 करोड़ 50 लाख रुपये की अनुमानित लागत बताई थी.
जिसके बाद इसे वैसी ही स्थिति में छोड़ दिया गया था. वहीं इस पुल को धरोहर के रूप में संजो कर रखने के लिए कानपुर की ओर से पुल को पिकनिक स्पॉट बनाने की योजना भी चल रही थी, लेकिन इससे पहले ही यह हादसा हो गया. अब स्थानीय लोग शुक्लागंज की तरफ से कानपुर को जोड़ने के लिए एक नए पुल की मांग कर रहे हैं. (गौरव शर्मा की रिपोर्ट)