एक्टर से नेता बने DMDK चीफ कैप्टन विजयकांत का तमिलनाडु में निधन (DMDK Chief Vijaykanth Passed Away) हो गया. विजयकांत कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. वह चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती थे, वहीं पर 71 साल की उम्र में आज उनका निधन हो गया. एमआईओटी इंटरनेशनल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा," निमोनिया होने के बाद विजयकांत को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.मेडिकल स्टाफ की हर संभव कोशिश के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका. 28 दिसंबर 2023 की सुबह उनका निधन हो गया."
काफी दिनों से बीमार थे विजयकांत
उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से उनके आवास पर लाया गया और अंतिम दर्शन के लिए डीएमडीके दफ्तर में रखा जाएगा. बता दें कि इससे पहले नवंबर महीने में तबीयत बिगड़ने के बाद विजयकांत को चेन्नई के एमआईओटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. खांसी और गले में दर्द की वजह से वह 14 दिनों तक डॉक्टरों की निगरानी में रहे.
विजयकांत के निधन पर PM मोदी ने जताया दुख
विजयकांत के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि उनके के निधन से अत्यंत दुख हुआ. तमिल फिल्म जगत के एक दिग्गज ने अपने करिश्माई प्रदर्शन ने लाखों लोगों का दिल जीता. एक राजनीतिक नेता के रूप में, वह सार्वजनिक सेवा के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध थे, जिसने तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा. उनका निधन एक खालीपन छोड़ गया है जिसे भरना मुश्किल होगा." इसके साथ ही पीएम मोदी ने उनके चाहने वालों के साथ संवेदनाएं जताईं.
विजयकांत का फिल्मी करियर
बता दें कि विजयकांत एक फेमस तमिल एक्टर थे. उनको प्यार से लोग कैप्टन कहकर बुलाते थे.'कैप्टन' के नाम से मशहूर विजयकांत का फिल्मी करियर काफी शानदार रहा. राजनीति में एंट्री लेने से पहले उन्होंने 154 फिल्मों में काम किया. नादिगर संगम (आधिकारिक तौर पर साउथ इंडियन आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (SIAA) के रूप में जाना जाता है) में एक पद पर रहते हुए, विजयकांत ने दक्षिण फिल्म उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाए.
विजयकांत का राजनीतिक करियर
साल 2006 में साउथ के सुपरस्टार विजयकांत ने राजनीति में एंट्री की. उन्होंने 2006 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. 2011 में, डीएमडीके ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में 41 निर्वाचन क्षेत्रों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से 26 में जीत हासिल की. कैप्टन की पार्टी ने 2011 में DMK से अधिक सीटें जीतकर इतिहास रचा और उस साल प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर उभरी. वह साल 2011 से 2016 के बीच तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे.
बाद में मतभेदों की वजह से डीएमडीके ने एआईएडीएमके से नाता तोड़ लिया, जिसके बाद बड़ी संख्या में डीएमडीके विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पार्टी ने राज्य में मुख्य विपक्षी दल होने का दर्जा खो दिया. विजयकांत ने विरुधाचलम और ऋषिवंडियम निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए दो बार विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया. पिछले कई सालों से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था. उनके खराब स्वास्थ्य की वजह से पार्टी की बागडोर उनकी पत्नी प्रेमलता संभाल रही थीं.
ये भी पढ़ें-हैदराबाद में कैसे बनाए जा रहे अयोध्या राम मंदिर के दरवाजे? जानें डिजाइन से लेकर चित्रकारी तक सबकुछ