भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर योगी सरकार की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने लखनऊ में कैंडल मार्च निकाल रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की कार्रवाई को बर्बर बताया है. उन्होंने घटना की आलोचना करते हुए कहा कि यदि रिक्तियां हैं और योग्य उम्मीदवार भी हैं, तो भर्ती क्यों नहीं हो रही है?
वरुण गांधी ने सार्वजनिक रूप से भाजपा के रुख के विपरीत अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं. उन्होंने पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों का पीछा करते और उनपर लाठीचार्ज करते का वायरल वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है.
वरुण गांधी ने कहा कि ये प्रदर्शनकारी भी भारतीय हैं और कोई भी उनकी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने अधिकारियों से यह भी सवाल किया कि उनके बच्चे अगर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होते तो क्या वे तब भी ऐसी ही कार्रवाई करते.
राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2019 की परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर प्रदर्शनकारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. वे लखनऊ में एक चौराहे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, जब पुलिस ने उनपर यह कार्रवाई की.
पुलिस की कार्रवाई पर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
अखिलेश यादव की पार्टी ने "बर्बर लाठीचार्ज" की निंदा की, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों से अपील की कि जब भाजपा वोट मांगे तो इसे याद रखें.
इस बीच, वरुण गांधी की ताजा आलोचना यह स्पष्ट करती है कि वह पार्टी लाइन के साथ चलने के मूड में नहीं हैं.
पिछले महीने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आश्चर्यजनक घोषणा के बाद पीलीभीत के सांसद ने उन्हें एक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने चार बड़ी मांगों को सूचीबद्ध किया था. जिसमें किसानों आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के लिए मुआवजा और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना मुख्य था.
वह लखीमपुर खीरी की घटना पर भी भाजपा नेताओं की आलोचना कर चुके हैं. लखीमपुर की घटना में कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे द्वारा चलाए जा रहे वाहन से विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया गया था. वरुण गांधी ने इस घटना पर कहा था कि "दिल दहला देने वाली घटना हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा है." साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी.