बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High court) ने कहा है कि एल्गार परिषद-माओवादियों के बीच कथित जुड़ाव के मामले में गिरफ्तार कवि-कार्यकर्ता वरवर राव (Varavara Rao) की हालत कुछ ठीक हुई है लेकिन वह 14 दिसंबर तक निजी अस्पताल में ही रहेंगे. जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच ने नानावती अस्पताल (Nanavati Hospital) द्वारा सौंपी गयी एक चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर किया. इसी अस्पताल में राव को 18 नवंबर को भर्ती कराया गया था. कोर्ट ने कहा, ‘‘हालत कुछ बेहतर हुई है . राव 14 दिसंबर तक वहीं भर्ती रहेंगे.'' हाईकोर्ट चिकित्सा आधार पर राव को जमानत देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई करेगा.
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गौरतलब है कि वरवर राव की पत्नी हेमलता ने भी एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने राव को उपचार के लिए जेल से अस्पताल भेजने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को कहा था कि राव 81 साल के हैं और पहले से कुछ रोगों से ग्रस्त हैं. कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें उपचार की जरूरत है.अदालत की टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र सरकार 18 नवंबर को राव को नवी मुंबई में तलोजा जेल से नानावती अस्पताल भेजने तथा उनके इलाज का खर्च भी उठाने पर सहमत हो गयी थी.
हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि याचिकाकर्ताओं के साथ, मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वकीलों को चिकित्सा रिपोर्ट को देखना चाहिए. अदालत अब मामले पर 14 दिसंबर को सुनवाई करेगी.राव16 जुलाई को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और उन्हें नानावती अस्पताल भेजा गया था. उन्हें 30 जुलाई को छुट्टी दे दी गयी और वापस जेल भेज दिया गया.पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद के सम्मेलन के बाद माओवादियों से जुड़ाव के आरोप में राव तथा वामपंथी रुझान वाले कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था.
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