Vande Bharat Express वंदे भारत ट्रेनों में जल्द ही स्लीपर कोच भी शामिल किया जाएगा. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बेंगलुरु में 'वंदे भारत' स्लीपर कोच का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'वंदे चेयर कार', 'वंदे स्लीपर', 'वंदे मेट्रो' और 'अमृत भारत' जैसी चार ट्रेनों को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. पैसेंजर की सेफ्टी के साथ-साथ लोको पायलट और अटेंडेंट्स की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है. इन सभी ट्रेनों को नए तरीके से डिजाइन किया गया है. लोको कैब को बेहतर बनाया गया है. सुरक्षा के मद्देनजर इन ट्रेनों में कवच प्रीफिटेड है. इन ट्रेनों के ट्रायल में डेढ़ से दो महीने का समय लगेगा. तीन महीने बाद यह ट्रेन इस्तेमाल में आएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन मिडिल क्लास की सवारी है. इसलिए उसका किराया भी राजधानी के साथ बेंचमार्क किया जाएगा. अगर आप वर्ल्ड की बेस्ट ट्रेन के साथ वंदे भारत की तुलना करेंगे, तो 'वंदे भारत स्लीपर' उस बेंच मार्क के तहत आएगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वंदे भारत में स्लीपर कोच शामिल करने का जिक्र शनिवार को किया था. पीएम मोदी ने मेरठ को लखनऊ, मदुरै को बेंगलुरु और चेन्नई को नागरकोइल से जोड़ने वाली तीन नयी वंदे भारत ट्रेन को शनिवार को हरी झंडी दिखाई. मोदी ने हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम को ‘वीडियो कॉन्फ्रेंस' के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दक्षिणी राज्यों का तेजी से विकास महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि तमिलनाडु और कर्नाटक के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि से दक्षिणी राज्यों में रेल परिवहन मजबूत हुआ है. मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को दोनों शहरों के बीच मौजूदा सबसे तेज ट्रेन की तुलना में लगभग एक घंटे पहले पहुंचाएगी. इसी तरह, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत से दो घंटे से अधिक समय और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेन से करीब डेढ़ घंटे का समय बचेगा. जल्द ही वंदे भारत ट्रेनों में स्लीपर कोच भी शामिल होने वालें हैं.
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