- जम्मू-कश्मीर में अगले तीन दिनों तक भारी वर्षा और बर्फबारी की चेतावनी के कारण प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है.
- मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी विभागों को हाई अलर्ट रहने और आपात स्थितियों से निपटने के निर्देश दिए हैं.
- वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सुरक्षा कारणों से पांच से सात अक्तूबर तक यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया है.
अगले तीन दिन जम्मू-कश्मीर के लिए बेहद संवेदनशील रहने वाले हैं. मौसम विभाग की भारी वर्षा और बर्फबारी की चेतावनी के बाद पूरा प्रदेश सतर्क हो गया है. प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच, वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 5 से 7 अक्तूबर तक यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया है.
मौसम विभाग के अनुसार एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ रहा है. इसके प्रभाव से 4 से 7 अक्तूबर तक मैदानी इलाकों में मध्यम से भारी वर्षा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी की संभावना है. विभाग ने कहा है कि यह प्रणाली 6 अक्तूबर को सबसे अधिक सक्रिय रहेगी.
चेतावनी के मुताबिक जम्मू क्षेत्र के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश, ओलावृष्टि और 60–70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. इससे भूस्खलन और जम्मू-श्रीनगर तथा श्रीनगर-लेह जैसे प्रमुख राजमार्गों पर यातायात बाधित होने की आशंका है.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूर्ण तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं. एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा, फसलों की हानि को रोकना, तथा संभावित अवरोधों के दौरान आवश्यक सेवाओं और सड़क संपर्क को बनाए रखना है.
खतरे की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि श्राइन बोर्ड ने सुरक्षा कारणों से वैष्णो देवी यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने कहा है कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो यात्रा 8 अक्तूबर से पुनः प्रारंभ की जाएगी. श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे वास्तविक समय के अपडेट और सुरक्षा निर्देशों के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें.
बोर्ड ने बताया कि यह कदम इस वर्ष बार-बार बिगड़ते मौसम और भूस्खलनों से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए उठाया गया है. अगस्त के अंत में हुए एक बड़े भूस्खलन में कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जिसके बाद यात्रा लंबे समय तक बाधित रही थी. अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कटरा स्थित आधार शिविर की ओर तब तक न बढ़ें, जब तक अनुमति न दी जाए. प्रभावित इलाकों में पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.
आपको बता दें कि माता वैष्णो देवी यात्रा हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, लेकिन 2025 में बार-बार खराब मौसम और भूस्खलनों के कारण इसे कई बार रोकना पड़ा है. श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए आश्वासन दिया है कि मौसम सुधरते ही यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से बहाल किया जाएगा.