अधिक जोखिम वाले बच्चों के लिए टीकाकरण (Vaccination) दिसंबर में शुरू होगा और उसके बाद आने वाले साल की पहली तिमाही में स्वस्थ बच्चों के लिए वैक्सीनेशन किया जाएगा. यह जानकाीरी देश के कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने एनडीटीवी को दी. उन्होंने कहा कि Zydus-Cadilla की ZyCoV-D वैक्सीन की खुराक की संख्या को तीन से दो खुराक तक करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं. वयस्कों में टीकाकरण की तरह ही देश के 44 करोड़ बच्चों के लिए भी प्राथमिकता प्रक्रिया लागू है और जोखिम वाले बच्चों की एक सूची तैयार की जा रही है.
डॉ अरोड़ा ने एनडीटीवी को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि हम चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे. लेकिन आखिरकार, मुझे लगता है कि दिसंबर के अंत तक हम जोखिम वाले बच्चों के लिए बाल चिकित्सा टीकाकरण शुरू करने में सक्षम होंगे. जैसे ही हम इसे पूरा करते हैं, जो कि 10 से 15 प्रतिशत के आसपास है, हम स्वस्थ बच्चों के वैक्सीनेशन का काम शुरू करेंगे.
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योजना को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वे ZyCov-D की खुराक का परीक्षण के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. Covaxin ने भी परीक्षण समाप्त कर लिया है और हम दिसंबर के अंत तक हम Covovax (सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से) का भी बाल चिकित्सा परीक्षण के समाप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि WHO की मंजूरी के बिना अधिकारी बच्चों के लिए ZyCoV-D या कोविशील्ड के साथ आगे क्यों बढ़ रहे हैं तो उन्होंने कहा कि हमने डेटा देखा है, कोई चिंता की बात नहीं है, क्योंकि ये सभी निष्क्रिय टीके हैं. स्कूल के मुद्दे पर डॉ अरोड़ा ने कहा कि मैं पूरे देश से अनुरोध करता हूं कि राज्य सरकारें और निजी सेक्टर के स्कूल हैं उन्हें खोल देना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए क्योंकि हमारे पास प्रतिरक्षित वयस्कों का एक अच्छा समूह है और विशेष प्रयास किए गए हैं कि सभी स्कूलों और कर्मचारियों को वैक्सीनेट किया जाए. माता-पिता को यह देखना चाहिए कि जिनके बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उनके घर में सभी वयस्कों का टीकाकरण हुआ हो, ताकि बच्चों को सुरक्षा के घेरे में रखा जा सके. इसके अलावा, अधिकांश बच्चे पहले से ही संक्रमित हैं. इसलिए वह एक तरह से फिलहाल सुरक्षित भी हैं.
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