उत्तरकाशी सुरंग हादसे (Uttarkashi Tunnel Accident) में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों में आज एक बड़ी कामयाबी मिली है. जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) के अवरुद्ध हिस्से में 6 इंच व्यास की पाइपलाइन डाली गई है. मलबे के आर-पार 53 मीटर लंबी पाइपलाइन को बिछाया गया है. इसके जरिये सुरंग में फंसे श्रमिकों तक खाद्य सामग्री और संचार उपकरण पहुंचाने की तैयारी की जा रही है.
आज शाम करीब साढ़े चार बजे एनएचएआईडीसीएल के निदेशक अंशुमनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और टनल के भीतर संचालित रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि नौ दिनों से चल रहे रेस्क्यू की पहली कामयाबी के बाद श्रमिकों को जल्द सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जाएंगे.
सुरंग में फंसे श्रमिकों के जीवन की रक्षा के लिए अब तक 4 इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी हुई थी. हालांकि अब सेकेंड्री लाइफ लाइन के तौर पर छह इंच व्यास की पाइपलाइन मलबे के आरपार बिछा दिए जाने के बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री, खाद्य पदार्थ, दवाएं और अन्य जरूरी साजोसामान के साथ ही संचार के उपकरण भेजने में सहूलियत होगी.
दलिया-खिचड़ी और वॉकी-टॉकी भेजने की कोशिशअब उम्मीद जताई जा रही है कि इस नई पाइपलाइन से दलिया और खिचड़ी भी भेजी जा सकेगा. साथ ही इस पाइपलाइन के जरिए वॉकी-टॉकी भी भेजा जा सकेगा, जिससे सुरंग में फंसे मजदूरों से संपर्क किया जा सके. अब तक पुरानी पाइपलाइन से चने, मूंगफली और ड्राय फ्रूट्स जैसी खाद्य सामग्री को मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा था.
साथ ही ऑगर मशीन को भी एक बार फिर शुरू किया जा सकता है. ऑगर मशीन के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है.
वायुसेना ने महत्वपूर्ण 36 टन उपकरण किए एयरलिफ्टइसके साथ ही उत्तरकाशी में बचाव कार्यों में भारतीय वायुसेना लगातार सहायता कर रही है. भारतीय वायुसेना ने आज 36 टन बेहद महत्वपूर्ण उपकरणों को एयरलिफ्ट किया.
सभी उपकरणों को पहुंचाने तक जारी रहेगा ऑपरेशन
इसके लिए एक सी-17 और दो सी-130 जे विमानों का उपयोग किया गया. साथ ही वायुसेना की ओर से कहा गया कि जब तक सभी उपकरणों को पहुंचा नहीं दिया जाता है, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा.
इस नई पाइपलाइन बिछाए जाने से श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाये रखने का भरोसा कई गुना बढ़ा है. इस खबर के बाद श्रमिकों के परिजनों के साथ रेस्क्यू के मोर्चों पर खुशी और उत्साह है.
इस बीच उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने आज परियोजना व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण कर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया और सेकेंडरी लाइफलाइन बनाने के काम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर रेस्क्यू में जुटे लोगों को बधाई दी.
बता दें कि उत्तरकाशी की सुरंग में पिछले नौ दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इन्हें सुरंग से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
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