हिमालयी राज्य उत्तराखंड में आज से बहुत कुछ बदल गया है. राज्य में आज से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गयी है. UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के UCC अधिनियम को एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि देश के बाकी राज्य भी इस रास्ते पर चल सकते हैं. उत्तराखंड यूसीसी में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन के लिए कानून हैं. यह देश के बाकी राज्यों से अलग हैं. यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कानून प्रभावी नहीं रहेंगे. शादी की उम्र से लेकर तलाक-वसीयत तक सभी धर्मों के लिए एक कानून होगा. 2022 विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करने का वादा किया था. जानिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से उत्तराखंड में क्या क्या बदल जाएगा...
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होते ही क्या-क्या बदलेगा
शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. इसके लिए ग्राम सभा स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है. शादी का पंजीकरण 6 महीने के अंदर कराना होगा.
- उत्तराखंड में अब लिव इन रिलेशन का पंजीकरण कराने वाले जोड़ों को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
- अगर लिव इन रिलेशन से किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसे शादी के बाद जन्मे बच्चे की तरह सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे.
- शादी के लिए योग्य लड़कियों की उम्र एक समान होगी.
- सभी को बच्चे गोद लेने का अधिकार होगा.
- दूसरे धर्म के बच्चे गोद नहीं लिए जा सकेंगे.
- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर हक मिलेगा.
- इस कानून से अनुसूचित जनजाति को बाहर रखा गया है.
- पूजा और परंपराओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
- बहुविवाह और हलाला पर लगेगी रोक
- तलाक के लिए भी सभी जाति और धर्मों में एक जैसे नियम
- 43 हितधारकों के साथ बैठकें हुईं.
- 72 गहन विचार विमर्श बैठकें की गईं.
- 49 लाख एसएमएस प्राप्त हुए.
- 29 लाख व्हाट्सएप मैसेज आए.
- 2.33 नागरिकों ने इसके लिए सुझाव दिए.
- 61 हजार पोर्टलों पर सुझाव मिले.
- 36 हजार सुझाव डाक के माध्यम से मिले.
- 1.20 लाख सुझाव दस्ती के माध्यम से आए.
- 24 हजार ई-मेल भी इसके सुझाव के लिए आए.
- 12 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम धामी ने यूसीसी की घोषणा की.
- मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाए जाने पर फैसला.
- मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी.
- समिति ने 20 लाख सुझाव ऑफलाइन और ऑनलाइन प्राप्त किए.
- 2.50 लाख लोगों से समिति ने सीधा संवाद किया.
- 02 फरवरी 2024 को विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी.
- 06 फरवरी को विधानसभा में यूसीसी विधेयक पेश हुआ.
- 07 फरवरी को विधेयक विधानसभा से पारित हुआ.
- राजभवन ने विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा.
- 11 मार्च को राष्ट्रपति ने यूसीसी विधेयक को अपनी मंजूरी दी.
- यूसीसी कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति का गठन.
- नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में आज 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली साैंपी.
- 20 जनवरी 2025 को नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली.
लिव-इन रिलेशनशिप के लिये रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड सरकार की तरफ से लाए गए यूसीसी के तहत अब लिव-इन रिलेशनशिप के लिये रजिस्ट्रेशन ज़रूरी है. कानूनी विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसे रिश्तों के पंजीकरण से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फायदा होगा. इसके तहत प्रावधान है कि इस दौरान पैदा होने वाले बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा. हालांकि यूसीसी के नियम-कानून से अनुसूचित जनजाति को बाहर रखा गया है.
दोबारा शादी पर क्या कहता है उत्तराखंड सिविल कोड
उत्तराखंड में UCC ने कैसे लिया आकार
- सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गयी थी, जिसने लगभग डेढ़ साल में विभिन्न वर्गों से बातचीत के आधार पर चार खंडों में तैयार अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी.
रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया और उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी.
यूसीसी अधिनियम बनने के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई एक समिति ने इसके क्रियान्वयन के लिए नियमावली तैयार की जिसे हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी.
इस तरह हुईं तैयारियां
इन देशों की यूसीसी का किया गया अध्ययन
यूसीसी कानून बनाने के लिए सऊदी, तुर्कीए, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, अजरबैजान, जर्मनी, जापान और कनाडा के यूसीसी कानूनों का अध्ययन किया गया है.
घोषणा से कानून बनने तक का सफर
UCC के लिए उत्तारखंड सरकार ने पोर्टल भी शुरू किया
उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए एक पोर्टल भी बनाया है. इसके जरिए शादी, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत समेत UCC में मौजूद बातों का आवेदन किया जा सकता है.