उत्तरकाशी के एक स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत के मामले में चल रही जांच पर अब उनके परिवार वालों ने सवाल उठा दिया है. राजीव की पत्नी और भाई का कहना है पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है और इसलिए उइसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. उनका कहना है कि राजीव की मौत दुर्घटना वश नहीं बल्कि इसके पीछे साजिश है. उत्तराकाशी के जर्नलिस्ट राजीव प्रताप की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. अब उनकी मौत कई सवाल छोड़ गई है. अभी तक पता नहीं चला है कि आखिर राजीव के साथ 18 सितंबर की रात को क्या हुआ था.
10 दिन बाद मिली डेडबॉडी
राजीव की मौत पर उनकी पत्नी मुस्कान ने NDTV कुछ राज खोले हैं. स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप की पत्नी 7 महीने की प्रेग्नेंट है और न्याय की मांग कर रही है. दरअसल राजीव बीते 18 सितंबर से लापता थे. इसके बाद 10 दिन बाद यानी 28 सितंबर को पुलिस को उनका शव उत्तरकाशी के जोशियाड़ा बैराज से मिला. राजीव प्रताप, दिल्ली उत्तराखंड लाइव नाम का एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाते थे. इसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वह उत्तरकाशी जिले में आम जनमानस की समस्याओं के अलावा विभागों के लापरवाही या भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाते थे.
राजीव के भाई आलोक भी ये ही सवाल कर रहे है कि यह दुर्घटना नहीं है बल्कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है. आलोक का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पसलियां टूटने की बात कही जा रही है लेकिन जब उन्होंने अपने भाई राजीव क्या शव देखा तो शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे. यहां तक कि उनके शरीर पर ना तो कपड़े थे आलोक का कहना है कि उनकी बेल्ट कैसे टूट गईं.
क्या बताया पुलिस ने
वहीं उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में राजीव अकेले कार में दिखाई देते हैं . वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छाती व पेट की चोटों को मृत्यु का कारण बताया गया है. पुलिस की मानें तो फिलहाल किसी अपहरण-हत्या के ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं और जांच जारी है. बहरहाल पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत पर उनके परिजनों ने सवाल उठाए हैं. ऐसे में जरूरी है कि राजीव की रहस्यमयी मौत के कारण क्या रहे हैं, ये सामने आए. हालांकि रहस्यमयी परिस्थितियों उससे साफ लगता है कि कुछ ना कुछ कोई घटना ऐसी घटी है जिससे राजीव की मौत हुई है.