दरकते पहाड़, खिसकती जमीन, हादसों की आहट...बारिश के अलर्ट के बीच संभलकर जाएं उत्तराखंड

उत्तराखंड में तेज हवाओं और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट (Uttarakhand RaiOrange Alert) जारी किया गया है. इसके साथ ही 11 से 13 मई तक बारिश का भी अलर्ट जारी किया गया है, ताकि बाहर से यहां आने वाले लोग सावधान रह सकें और राज्य के लोग भी सोच समझकर ही बाहर निकलें. 

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उत्तराखंड में भूस्खलन का खतरा.
नई दिल्ली:

पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड (Uttarakhand Landslide) का खतरा बढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड के श्रीनगर में बारिश के बीच पहाड़ दरक रहे हैं. जो लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं. वैसे तो उत्तराखंड में बारिश (Uttarakhand Rain)  के मौसम में पहाड़ों का दरकना कोई बड़ी बात नहीं है. यहां रह रहे लोग भले ही इसके आदी हो गए हों, लेकिन बाहरी लोगों के लिए यह मंजर डरा देने वाला है. इन दिनों चार धाम यात्रा भी शुरू हो गई है. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उत्तराखंड पहुंचना शुरू हो गया है. इस बीच लैंडस्लाइड उनके लिए मुसीबत बन सकता है.

लगातार हो रहे लैंडस्लाइड की वजह से सिरोबगड़ से मलवा आने से वाहनों को चौकी  कलिया सोड़ के पास ही रोक दिया गया. सुरक्षा को देखते हुए ये कदम उठाया गया, ये जानकारी श्रीकोट चौकी इंचार्ज एस आई अजय कुमार ने दी. उत्तराखंड में इन दिनों तेज हवाओं और बारिश का दौर जारी है. मौसम विभाग ने तो पहले से ही लोगों को आगाह कर दिया है, ताकि वह सुरक्षित रह सकें.

उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट, संभलकर जाएं

पहाड़ी राज्य के लिए तेज हवाओं और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही 11 से 13 मई तक बारिश का भी अलर्ट जारी किया गया है, ताकि बाहर से यहां आने वाले लोग सावधान रह सकें और राज्य के लोग भी सोच समझकर ही बाहर निकलें. मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह का कहना है कि 11 मई से 13 मई तक उत्तराखंड में बारिश होगी. चार धाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी बारिश के दौरान यात्रा न करने की सलाह दी गई है.

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चार धाम जाने वाले यात्री लैंडस्लाइड से रहें अलर्ट

 मौसम विभाग ने कहा है कि जब बारिश थम न जाए, आगे की यात्रा न करें. बता दें कि लैंडस्लाइड हर साल ही पहाड़ों के लोगों के लिए बड़ा खतरा होता है. बारिश का मौसम शुरू होते ही पहाड़ दरककर गिरने लगते हैं.

संकरे रास्तों को यह पूरी चरह से जाम कर देते हैं, जिसकी वजह से कई बार आगे जाना मुश्किल हो जाता है. कई बार सामने से आ रहे वाहन अचानक इसकी चपेट में आ जाते हैं, और बड़ी दुर्घटनाएं तक हो जाती हैं.

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