कोरोना वायरस के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेन्ट के पाये जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया. इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया. मनुष्य जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, हम हरिद्वार को कोरोना महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते. लोगों का जीवन हमारे लिए प्राथमिकता है. हम उससे बिल्कुल भी खिलवाड़ नहीं कर सकते. उस पर हम कोई कोताही नहीं बरत सकते. इसलिए हमने यात्रा स्थगित कर दी है.
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जब उनसे पूछा गया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तो कह चुके हैं कि हम 25 जुलाई से यात्रा शुरू कर रहे हैं तो ऐसे में हम कैसे कर पाएंगे? तो उन्होंने कहा, इससे पहले आप लोगों ने देखा होगा कि कई बार ऐसी स्थितियां आई हैं जिसमें हम लोगों ने निर्णय लिया हमारी सरकार ने निर्णय लिया हम यात्रा नहीं कराएंगे
अगर बॉर्डर के अंदर कोई कावड़िया आते हैं तो क्या उनको रोका जाएगा या उनके लिए क्या व्यवस्था रहेगी?
इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया, सभी से अपील करते हैं कि क्योंकि कोरोना महामारी चल रही है इसलिए लोगों का जीवन बचाना ज्यादा जरूरी है. और भगवान को भी अच्छा नहीं लगेगा अगर किसी की जान जाए.
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये. यह भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही हेतु अनुरोध किया जाए, ताकि वैश्विक माहमारी को रोकने में सफल हो सकें. बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
कांवड़ यात्रा को रद्द करने को लेकर कई दिनों से चर्चा चल रही थी. कांवड़ यात्रा पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था, 'भगवान भी नहीं चाहेंगे कि लोग मरें. इस समय प्राथमिकता जीवन बचाना है.'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आग्रह किया था कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के सख्ती से पालने के निर्देश देते हुए, केवल कम से कम लोगों को वार्षिक कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए.
सोमवार को भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उत्तराखंड इकाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चिट्ठी लिखकर कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द करने का आग्रह किया था.
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