उत्तराखंड त्रासदी का छठा दिन, सुरंग से मलबा हटाने का काम जारी

चमोली जिले की तपोवन सुरंग (Tapovan Tunnel) में फंसे लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर मलबा हटाने का काम जारी है. बचाव दल के सामने कई चुनौतियां भी हैं.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
त्रासदी के बाद से 200 से ज्यादा लोग लापता हैं.
चमोली:

उत्तराखंड (Uttarakhand Flash Flood) के चमोली जिले में 7 फरवरी को आई तबाही से हर कोई हक्का-बक्का रह गया था. दुनियाभर से पीड़ितों की सलामती की दुआएं मांगी जा रही हैं. अभी तक 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. 36 शव बरामद किए जा चुके हैं. तपोवन सुरंग में लोगों के फंसे होने की आशंका पर युद्ध स्तर पर मलबा हटाने का काम जारी है. इस काम में बचाव दल के सामने कई चुनौतियां भी हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक बैठक में बचाव और राहत कार्यों की जानकारी ली.

धौलीगंगा नदी में बृहस्पतिवार को एक बार फिर जलस्तर बढ़ जाने से पिछले चार दिनों से तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए जारी मैराथन अभियान में थोड़ी देर के लिए रूकावट आई लेकिन उसे फिर शुरू कर दिया गया जबकि दो और शव मिलने के साथ ही आपदाग्रस्त क्षेत्र से अब तक 36 शव बरामद हो चुके हैं. चमोली के अपर जिला सूचना अधिकारी रवींद्र नेगी ने गुरुवार रात बताया कि धौलीगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण रूका बचाव अभियान दोबारा शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि बचाव दलों द्वारा सुरंग में मलबा हटाने और ड्रिलिंग का काम फिर शुरू कर दिया गया है.

उत्तराखंड आपदा : पूरी तरह नष्ट हुआ तपोवन बांध, तस्वीर में दिखा तबाही का मंजर

इससे पहले, राज्य के चमोली जिले में रविवार को आई आपदा के बाद से सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार अभियान चला रही सेना, ITBP, SDRF और NDRF की संयुक्त टीम के बचाव कर्मियों और मशीनों को दोपहर बाद धौलीगंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने के कारण सुरंग से बाहर निकालना पड़ा था. इससे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया था और प्रशासन को तत्काल क्षेत्र में अलर्ट जारी करना पड़ा था, जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर भाग सकें. हालांकि, कुछ ही देर में नदी में जलस्तर सामान्य हो गया.

Advertisement

ग्लेशियल काल्विंग या जलवायु परिवर्तन : किसकी वजह से आई उत्तराखंड में आपदा?

इससे पहले, गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन एवं जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तपोवन मे संवाददाताओं को वहां चल रहे बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी. रमन ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सुरंग के अंदर से मलबा निकालने का काम लगातार जारी है और बचाव कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है. जिलाधिकारी स्वाति ने बताया कि मरीन कमांडो की एक टुकडी के माध्यम से श्रीनगर डैम और उसके आसपास खोजबीन अभियान चलाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त एसडीआरएफ को रैणी तपोवन के अतिरिक्त अलकनंदा व धौलीगंगा किनारे सर्च आपरेशन में लगाया गया है.

Advertisement

Exclusive: उत्तराखंड के प्राकृतिक आपदा स्थल की पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को अलकनंदा नदी के किनारे से दो और शव बरामद हुए जिसके साथ ही आपदा में अब तक मिलने वाले शवों की संख्या 36 हो गई. लापता लोगों में वे 25-35 लोग भी शामिल हैं, जो तपोवन सुरंग में फंसे हुए हैं. उधर, चमोली में कर्णप्रयाग संगम पर आपदा में मिले शवों का नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया. आपदा में मरने वालों के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा घोषित चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि का वितरण भी शुरू कर दिया गया है.

Advertisement

VIDEO: उत्तराखंड आपदा : ऋषिगंगा से झील में पानी बढ़ा

Featured Video Of The Day
Brazil Plane Crash BREAKING: ब्राजील के ग्रैमाडो में घर में जा घुसा Plane, 10 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका