NDTV Exclusive: उत्तराखंड में जहां आया था एवलांच, वहां पहले कुछ ऐसी थी स्थिति

उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बीते 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन की घटना में राहत और बचाव कार्य जारी है. एनडीटीवी पर वो एक्सक्लूसिव तस्वीर देखिए जब घटनास्थल पर बर्फ नहीं था.

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नई दिल्ली:

चमोली के माणा गांव के पास एवलांच की चपेट में आये बीआरओ कैम्प के मजदूरों को ढूंढने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 200 से ज्यादा रेस्क्यू टीम के मेंबर 8 फीट बर्फ के नीचे लगातार चार मजदूरों को ढूंढने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं. एनडीटीवी पर आपको उस जगह की वह एक्सक्लूसिव तस्वीर हम दिखाने जा रहे हैं. यह तस्वीर उस समय की है जब इस जगह पर बर्फ नहीं होती है क्योंकि अब तक जो भी तस्वीर आ रही है या वीडियो आ रहे हैं वह बर्फ वाले ही आ रहे हैं.

आइए जानते हैं यह कौन सी जगह है. बिना बर्फ के यह जगह कैसे दिखती है. कितनी ऊंचाई से एवलांच आया था. कहां पर इन मजदूरों के कंटेनर थे. और यह पूरा इलाका कैसा दिखता है. यह आप तस्वीरों के जरिए समझिए. 

यह फोटो 17 नवंबर 2024 को माना गांव के भीम पुल से ली गई थी इस फोटो में सरस्वती नदी और अलकनंदा नदी का संगम साफ दिख रहा है. इसके अलावा तस्वीर में ऊंचे पहाड़ अभी साफ दिख रहे हैं जिन पर बर्फ नहीं है. लाल रंग से एरो मार्क किया गया है.

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इसी के साथ कुछ मकान जिनके छत और दीवारें हरे रंग की है आईटीबीपी और आर्मी के कैंप है पीला रंग से सर्कल किया गया है.इसके अलावा तस्वीर के लेफ्ट साइड में कुछ मकान दिख रहे हैं जो पीले रंग के है वह माणा गांव है. तस्वीरों में रेड कलर से बाण और नीचे रेड कलर से ही सर्कल दिखाया गया है जो अब लॉन्च वाली जगह है बाण वाले मार्क किए गए जगह ऊपर से एवलांच आने को दर्शा रहे हैं और रेड कलर के सर्कल वह जगह है जहां एवलांच ने हिट किया कैंप को. 

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माणा गांव और आईटीबीपी और आर्मी के गेम के बीच में सफेद रंग के घर जैसे दिख रहे हैं और उनके ऊपर एक बेहद ही छोटा सा जंगल दिख रहा है इसके आसपास बीआरओ कैंप है और सफेद रंग के घर जैसे जो वस्तु दिख रही है वह कंटेनर है जहां एवलांच ने हिट किया था. 

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ये तस्वीर NDTV के संवाददाता किशोर रावत ने अपने फोन से खींची थी. जब वह बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने 17 नवंबर 2024 को गए थे. 17 नवंबर 2024 को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने थे उसे दौरान माना गांव से यह तस्वीर ली गई थी. 

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आप ऊंची पहाड़ियों को साफ देख सकते हैं कि कैसे एवलांच जब ऊपर से आया होगा तो उसकी स्पीड और उसकी ताकत क्या रही होगी. जिसने नीचे कैंप पर जबरदस्त ताकत से टक्कर मारी थी. जिसमें आठ कंटेनर मौजूद थे और वह दूर नीचे बहने वाली अलकनंदा के आसपास और दूसरी आसपास की खाई में जा गिरे पांच कंटेनर्स को तलाश लिया गया है लेकिन. 8 कंटेनर अभी भी लापता है. 

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