Explainer: ओले, ठंड, बारिश... चट्टानों में काटी रात, उत्तराखंड में कैसे मर गए 9 ट्रैकर!

उत्तराखंड प्रशासन को जैसे ही ट्रैकर्स (Uttarakhand Trekkers) के फंसे होने की खबर मिली तो कुछ ही घंटों के भीतर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. जिसके बाद 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
उत्तराखंड में सहस्त्रताल से 13 ट्रैकरों को किया गया रेक्स्यू. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तराखंड में 14500 फीट की ऊंचाई वाले सहस्त्रताल में ट्रैकिंग (Uttarakhand Trekkers Died) के लिए गए ट्रैकर्स का एक ग्रुप बर्फीले तूफान में फंस गया था, जिनमें ठंड और बारिश के बीच अब तक 9 की मौत हो चुकी है और 13 ट्रैकरों को बचा लिया गया है. मरने वाले सभी लोग बेंगलुरु के हैं. कर्नाटक के ट्रैकर्स का एक ग्रुप 3 जून को सहस्त्रताल (Sahastra Tal trek) में ट्रैकिंग के लिए गया था. उसी दौरान वहां पर बर्फीला तूफान आ गया. खराब मौसम की वजह से ये लोग रास्ता भटक गए और वहीं पर फंस गए थे. भीषण सर्दी और बारिश के बीच तबीयत खराब होने ने अब तक बेंगलुरु के 9 ट्रैकर्स की जान जा चुकी है. गाइडों समेत 22 लोग ट्रैकिंग के लिए सहस्त्रताल गए थे. उसी दौरान यह हादसा हो गया. 

ये भी पढ़ें-उत्तरकाशी जिले के सहस्त्रताल ट्रेक पर 4 पर्वतारोहियों की मौत, 8 को किया गया रेस्क्य

सहस्त्रताल से 13 ट्रैकर्स बचाए गए

कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को उत्तरकाशी जिला प्रशासन, उत्तराखंड सरकार और केंद्रीय गृह विभाग के साथ मिलकर वायु सेना और नागरिक हेलीकॉप्टरों के जरिए 13 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है. रेक्स्यू ऑपरेशन पर नजर रखने के लिए कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा खुद उत्तराखंड पहुंचे हैं. बता दें कि खराब मौसम की वजह से रेक्स्यू ऑपरेशन में परेशानियां आ रही हैं. 

सहस्त्रताल में जान गंवाने वालों में से पांच की पहचान सिंधु वाकेकलम, आशा सुधाकर, सुजाता मुंगुरवाड़ी, विनायक मुंगुरवाड़ी और  प्रणीत के रूप में की गई है. वहीं अन्य चार के नाम अब तक सामने नहीं आए हैं. 

Advertisement

बर्फीले तूफान में फंसकर 9 ट्रैकर्स की मौत

उत्तराखंड प्रशासन को जैसे ही ट्रैकर्स के फंसे होने की खबर मिली तो कुछ ही घंटों के भीतर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. जिसके बाद 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. जिनमें 11 को वायुसेना ने नटीण पहुंचा दिया, इनमें से 8 को देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं 3 ट्रैकर्स पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. वहीं मरने वाले 5 लोगों के शवों को उत्तरकाशी पहुंचा दिया गया है. बुधवार को बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन बीच में ही रोकना पड़ा. 

Advertisement

कैसे मिली ट्रैकर्स के फंसे होने की जानकारी?

25 साल से माउंटेनियर के क्षेत्र में काम कर रहे विष्णु प्रसाद सेमवाल की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रैकर्स के फंसे होने की जानकारी 4 जून को व्हाट्सएप ग्रुप पर एक पत्र के जरिए मिली. उस पत्र में किसी का भी नाम नहीं लिखा था, हालांकि मैसेज से उनको पता चला कि ट्रैकिंग के लिए गए लोग खतरे में हैं. वह फंस गए हैं. उनको मदद की जरूरत है. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को घटना की खबर दी. जिसके कुछ ही देर बाद रेक्स्यू टीम एक्टिव हो गई.

Advertisement

वैसे तो इतनी ऊंचाई पर मोबाइल काम नहीं करते, लेकिन उनको ऐसा अंदेशा है कि ट्रैकर्स में से कोई तो 11000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद कुशु कल्याणी ट्रैक तक आया होगा. यही पर किसी के मोबाइल से वह पत्र शहर तक भिजवाया गया होगा.  इसी पत्र को देखने के बाद SDRF ने वायुसेना के साथ मिलकर रेक्स्यू ऑपरेशन शुरू किया. वायुसेना के हेलीकॉप्टर चेतक और चीता ने समय रहते 13 लोगों को बचा लिया. 

Advertisement

रास्ता भटकने से 14500 फीट की ऊंचाई पर फंसे ट्रैकर्स

कर्नाटक ट्रैकिंग एसोसिएशन का 25 सदस्यीय दल 3 गाइडों के साथ 29 मई को उत्तर काशी के सिल्ला गांव से सहस्त्रताल गए थे. उन्होंने वन विभाग और पर्यटन विभाग से इसके लिए परमिशन ली थी. इसमें 21 ट्रैकर बेंगलुरु और एक पुणे का था.वहीं तीनों गाइड उत्तराखंड के ही थे. ये दल 3 जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुआ था. वापस लौटते समय तेज बारिश और ओले गिरने शुरू हो गए. जिसकी वजह से ये लोग बीच में ही फंस गए. कोहरा इतना था कि कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, ये लोग रास्ता भटक गए. ठंड में फंसे कई लोग बीमार पड़ गए. 

20 घंटे तक ड्राईफ्रूट खाकर बचाई जान

बचाए गए ट्रैकर्स इस कदर दहशत में हैं. उन्होंने अपने जीवन के 20 घंटे इतने खौफ में गुजारे कि वह इसे कभी भूल नहीं पाएंगे. अंधेरे में फंसे ट्रैकर्स को ड्राईफ्रूट खाकर अपनी जान बचानी पड़ी. उनको तो ट्रैकिंग के दौरान हुई घटना तक याद नहीं है. जानकारी के मुताबिक, सहस्त्रताल की ऊंचाई पर करीब 90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बर्फीला तूफान आया था. जिसके बाद उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया. ठंड ऐसी कि सहना मुश्किल हो जाए. कर्नाटक सरकार लगातार रेक्स्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं. 
 

Featured Video Of The Day
Mohan Bhagwat के बयान के बाद मंदिर-मस्जिद विवादों पर लगेगी रोक? | Yogi Adityanath | Sambhal |Muqabla