संभल में हिंदुओं को वापस मिली जमीन, 1978 के दंगों में परिवारों को भगाया गया था

उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने कहा, 'स्कूल समिति द्वारा जमीन पर अतिक्रमण करने के बारे में शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने सर्वे किया. इसमें पुष्टि हुई कि जमीन का एक हिस्सा अब भी शिकायतकर्ताओं का है.'

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संभल प्रशासन ने तीन परिवारों को भूमि का कब्जा वापस दिलाया.
संभल:

संभल में 1978 में हुए दंगों के दौरान हिंदू परिवारों को भगाकर दूसरे समुदाय के लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया था. साथ ही उन्हें जमीन पर न आने की धमकी भी दी गई थी. इतना ही नहीं कब्जा की गई जमीन पर स्कूल भी बनवा दिया गया था. हालांकि अब संभल प्रशासन ने एक्शन लेते हुए कब्जा की गई जमीन को वापस हिंदू परिवारों को सौंप दिया है. कुल तीन हिंदू परिवारों को भूमि का कब्जा वापस दिलाया गया है. 24 नवंबर की हिंसा के बाद संभल में प्रशासन की ये सबसे बड़ी कार्रवाई समझी जा रही है .जिसमें भगाए गए हिंदुओं को उनकी करोड़ों की जमीन प्रशासन ने वापस दिलाई है. उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने संबंधित परिवारों को काबिज कर उनकी सुरक्षा के लिए वहां पर भी पुलिस भी तैनात कर दी है.

क्या है पूरा मामला

संभल जिला प्रशासन ने 1978 के दंगों के दौरान पलायन करने वाले तीन हिंदू परिवारों को उनकी भूमि का कब्जा वापस दिला दिया है. अधिकारियों ने बताया कि इस भूमि पर दूसरे समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर अतिक्रमण कर लिया था और मूल मालिकों ने प्रशासन से शिकायत कर मामले में कार्रवाई की मांग की थी.

  • पूरा मामला संभल में रोडवेज बस स्टैंड के पीछे स्थित करीब दो बीघा बाग का है.
  • इस जमीन पर हिंदू परिवार बाग में रहता था.
  • 1978 के दंगों में हिंदू परिवारों को धमकाकर भगा दिया गया था.
  • इस संबंध में परिवार के सदस्यों ने पुलिस में शिकायत दी थी.
  • एसडीएम ने कार्यवाही के दौरान पाया की दूसरे समुदाय के एक डॉक्टर ने जमीन पर कब्जा किया था. 
  • जमीन पर स्कूल संचालित किया जा रहा था.
  • दीवार पर अवैध रूप से धोखा देने को फायर स्टेशन लिखा गया था.
  • पुलिस ने एक्शन लेते हुए कुल तीन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन वापस दिलाई है.

परिवारों ने सुनाया अपनी आपबीती

भूमि के दावेदारों में से एक अमरीश कुमार ने कहा, 'हम 1978 के दंगों तक संभल में रहते थे. दंगों के दौरान मेरे दादा तुलसी राम की हत्या कर दी गई थी. अपनी जान के डर से हमने मोहल्ला जगत में अपनी संपत्ति छोड़ दी.' कुमार ने कहा, 'जब हमने वापस लौटने की कोशिश की, तो हमें भगा दिया गया. हमने हाल में जिला प्रशासन को अपने स्वामित्व को साबित करने वाले दस्तावेजों के साथ एक शिकायत प्रस्तुत की.' इसी तरह आशा देवी ने कहा, 'हम अब चंदौसी में रहते हैं. 1978 के दंगों के बाद, हमें पलायन के लिए मजबूर किया गया था. यहां तीन परिवार रहते थे. सड़क के पीछे स्थित हमारी 2.25 बीघा जमीन पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया और वहां स्कूल बना लिया. इसे वापस पाने के कई प्रयासों के बावजूद हमें भगा दिया गया. शिकायत दर्ज कराने के बाद आज पता चला कि जमीन की पैमाइश हो रही है, इसलिए हम यहां आए हैं.”

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पुलिस को मौके पर 10 हजार स्क्वायर फीट जमीन मिली है. बाकी करीब 5 हजार फीट के लिए बुलडोजर कार्यवाही की आशंका है. वहीं फर्जी तरीके से फायर स्टेशन लिखने के मामले में फायर महकमे ने मौके पर जांच शुरू कर दी है.

उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, 'स्कूल समिति द्वारा जमीन पर अतिक्रमण करने के बारे में शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद राजस्व विभाग ने सर्वे किया. इसमें पुष्टि हुई कि जमीन का एक हिस्सा अब भी शिकायतकर्ताओं का है.' उन्होंने बताया कि 15,000 वर्ग फुट जमीन में से 10,000 वर्ग फुट जमीन सही पाई गई और जिसका कब्जा परिवारों को वापस मिल गया है.

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