यूपी में DGP की सीधी भर्ती पर छिड़ा संग्राम, अखिलेश ने योगी सरकार को घेरा... BJP ने दिया करारा जवाब

यूपी का डीजीपी कौन होगा, अब ये केंद्र सरकार तय नहीं करेगी. इसका निर्णय यूपी सरकार ही लेगी. यूपी कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार के इस प्रस्‍ताव पर मुहर लग गई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अब दो साल का होगा यूपी के डीजीपी का कार्यकाल...
लखनऊ:

उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने उपचुनाव से पहले एक बड़ा फ़ैसला किया है. अब यूपी का डीजीपी केंद्र नहीं खुद यूपी सरकार तय करेगी, यूपीएससी को पैनल नहीं भेजा जाएगा. सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने डीजीपी मामले को ‘दिल्ली बनाम लखनऊ' कहा है. साथ ही इशारों ही इशारों में सीएम योगी पर तंज भी कसा है. 

डीजीपी की नियुक्ति मुद्दे पर अखिलेश को भाजपा जवाब 

अखिलेश यादव के तंज पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को रह-रहकर अपने कार्यकाल की याद सताती है कि कैसे उनके कार्यकाल में मुख्यमंत्री की कुर्सी के चार पाये हुआ करते थे. एक पाया रामगोपाल यादव खींचा करते थे. दूसरा पाया शिवपाल यादव खींचा करते थे. तीसरा पाया मुलायम सिंह यादव और चौथा पाया आजम खान खींचा करते थे. उन्होंने आगे कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में अखिलेश कितने परेशान रहे हैं, इसको उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी स्वीकार किया था. कैसे मुलायम सिंह यादव के कहने पर बार बार मंत्रिमंडल में फेरबदल करना पड़ता था. कभी यह मंत्री हटाते और कभी बनाने. अखिलेश यादव को अपनी यह बेचारगी याद आती है. इसलिए वह अपने गम को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार पर ऊलजलूल आरोप लगाने का कम करते हैं. राकेश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चल रही है. मंत्रिमंडल और संगठन से भी परामर्श करते हैं, लेकिन निर्णय मुख्यमंत्री करते हैं. कम से कम अखिलेश यादव इस तरह के आधारहीन आरोप लगाकर अपने गम दूर करने का प्रयास मत करें.

अखिलेश ने कसा तंज 

अखिलेश यादव ने डीजीपी मामले को ‘दिल्ली बनाम लखनऊ' बताते हुए सोशल मीडिया पोस्‍ट किया, 'सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं.
कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है. दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0

Advertisement
Advertisement

अब दो साल का होगा यूपी के डीजीपी का कार्यकाल  

योगी सरकार ने डीजीपी के चयन के लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जिसमें मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक व्यक्ति, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह और एक रिटायर डीजीपी कमेटी में होंगे. अब यूपी के डीजीपी का कार्यकाल दो साल का होगा. पंजाब के बाद यूपी देश का दूसरा राज्य बनने जा रहा है, जहॉं डीजीपी की नियुक्ति को लेकर नई व्यवस्था बनाई गई है. यूपी में आख़िरी फुलटाइम डीजीपी मुकुल गोयल थे, जिन्हें 11 मई 2022 को पद से हटा दिया गया था. तब से यहां कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने की परंपरा शुरू हो गई है. 

Advertisement

पहले ये थी DGP की नियुक्ति की प्रक्रिया

खबर ये भी है कि प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बनाने की तैयारी है. डीजीपी की नियुक्ति के लिए पहले की व्यवस्था के अनुसार, सरकार पुलिस सेवा में 30 वर्ष पूरे कर चुके उन अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजती थी, जिनका छह माह का कार्यकाल शेष हो. यूपीएससी राज्य सरकार को तीन अधिकारियों के नामों का पैनल भेजता था, जिसमें से सरकार किसी एक को डीजीपी बनाती थी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: "मेरे परिवार में 140 करोड़ लोग हैं..." भारतीय श्रमिक से बात करते हुए भावुक हुए पीएम मोदी