उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी (Justice SVN Bhatti) ने भोजनालयों में साफ-सफाई की पैरवी करते हुए सोमवार को कहा कि केरल में तैनाती के वक्त वह एक मुस्लिम द्वारा चलाए जा रहे शाकाहारी भोजनालय में अक्सर जाते थे क्योंकि वहां अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाता था. न्यायमूर्ति भट्टी ने अपना यह अनुभव तब साझा किया जब उन्होंने न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय के साथ मिलकर कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी.
पीठ ने साथ ही यह कहा कि दूसरे शब्दों में खाद्य विक्रेताओं को यह प्रदर्शित करने के लिए कहा जा सकता है कि उसके पास कौन से खाद्य पदार्थ हैं जैसे कि उसके पास शाकाहारी भोजन उपलब्ध है या मांसाहारी.
न्यायमूर्ति भट्टी ने कहा, ‘‘जब मैं केरल में था तो मेरा अपना अनुभव और ज्ञान है. मैं खुलकर नहीं बता सकता क्योंकि मैं इस अदालत का मौजूदा न्यायाधीश हूं. शहर का नाम बताए बगैर, वहां एक शाकाहारी होटल था जिसे एक हिंदू संचालित करता था. एक और शाकाहारी होटल था जिसे एक मुस्लिम संचालित करता था.''
इसलिए पसंद था उस होटल में जाना
उन्होंने कहा, ‘‘उस राज्य का न्यायाधीश रहने के दौरान, मैं शाकाहारी भोजन के लिए उस मुस्लिम व्यक्ति द्वारा संचालित होटल में जाता था. जहां तक खाद्य मानकों और सुरक्षा की बात है तो वह सब कुछ प्रदर्शित करता था. वह दुबई से लौटा था. वह सुरक्षा, स्वच्छता व साफ-सफाई के संबंध में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन कर रहा था इसलिए मैं उस होटल में जाना पसंद करता था.''
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