टैरिफ अटैक करने वाले अमेरिका को अब भी भारत से बड़ी उम्मीद, ट्रंप के वित्त मंत्री का बयान देखिए

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जबकि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. मुझे लगता है कि आखिर में हम एक साथ होंगे.

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  • ट्रंप ने भारत पर एक्स्ट्रा 25% फीसदी पेनल्टी टैरिफ लागू कर दिया है. अब कुल टैरिफ 50% हो गया है.
  • वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि भारत-अमेरिका आखिर में एक साथ होंगे.
  • मंत्री ने ट्रेड डील पर कहा कि उम्मीद थी कि भारत बातचीत में साथ देगा, लेकिन उसने हमें बातचीत में उलझाए रखा.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिर अपनी मनमानी कर ही ली. भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का पेनल्टी टैरिफ बुधवार से लागू कर दिया. ट्रंप अब तक भारत पर कुल 50 पर्सेंट टैरिफ लगा चुके हैं. ट्रंप की अकड़ के बीच उनके वित्त मंत्री ने बड़ा बयान दिया है और भारत-अमेरिका संबंध बेहतर होने की उम्मीद जताई है. 

ट्रंप के टैरिफ को लेकर दोनों देशों में अघोषित तनातनी के बीच ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स बिजनेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जबकि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. मुझे लगता है कि आखिर में हम एक साथ होंगे. 

ट्रंप के टैरिफ अटैक से ऐन पहले तक भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत लगभग अंतिम दौर में पहुंच गई थी. कुछ मुद्दों को छोड़कर बाकी मसलों पर करीब-करीब आम सहमति बन गई थी. लेकिन फिर ट्रंप ने पहले 25 पर्सेंट, फिर रूस से तेल खरीदने के नाम पर अतिरिक्त 25 पर्सेंट टैरिफ थोप दिए. इसके बाद ट्रेड डील ठंडे बस्ते में जा चुकी है. 

ट्रेड डील को लेकर जब इंटरव्यू में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि फिलहाल अभी तक दोनों देशों के बीच डील नहीं हो पाई है. उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक की बातचीत में भारत का रवैया क्रियात्मक (performative) रहा है. 

उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध बहुत जटिल हैं. भारत की तरफ से लिबरेशन डे के बाद ही टैरिफ को लेकर बातचीत शुरू कर दी गई थी, लेकिन अब तक कोई डील नहीं हो पाई है. मुझे लगा था कि मई या जून तक यह डील हो जाएगी. 

वित्त मंत्री बेसेंट ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि भारत हमारे पहले के समझौतों की तरह आगे बढ़ेगा और बातचीत में साथ देगा. लेकिन उसने हमें सिर्फ बातचीत में उलझाए रखा. इसके अलावा एक पहलू यह भी है कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद करके उस पर मुनाफा कमा रहा है.

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