अरुणाचल प्रदेश में चीनी गांव पर NDTV की रिपोर्ट का अमेरिकी रक्षा विभाग ने किया उल्लेख

यह विवादित गांव त्सारी चू नदी के तट पर और अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में स्थित है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां 1962 के युद्ध से पहले भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें हुई हैं.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
1 नवंबर 2020 तक चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 4.5 किलोमीटर अंदर तक गांव का निर्माण पूरा कर लिया था.
नई दिल्ली:

अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की सीमा पर चीन से जुड़े सैन्य विकास को लेकर अमेरिकी रक्षा विभाग ने वार्षिक रिपोर्ट तैयार की है. इसमें अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा निर्मित 100 घरों के निर्माण का भी जिक्र किया गया है. यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई है. बता दें कि अरुणाचल में सीमा से सटे भारत के इलाके में चीनी गांव की उपस्थिति का विवरण पहली बार जनवरी में एनडीटीवी द्वारा क्षेत्र के हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर रिपोर्ट किया गया था. चीन द्वारा यह निर्माण मैकमोहन लाइन के दक्षिण में भारतीय क्षेत्र के भीतर स्थित है. 

अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में चीन-भारत के बीच जारी सीमा गतिरोध पर कहा गया है कि 2020 में पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) ने भारत-चीन के विवादित क्षेत्र में 100 घरों के नागरिक गांव का निर्माण किया है. जो कि पीआरसी के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "इस गांव के साथ-साथ अन्य बुनियादी ढांचों के विकास के प्रयास भारत सरकार और मीडिया में घबराहट का स्रोत रहे हैं."

यह विवादित गांव त्सारी चू नदी के तट पर और अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में स्थित है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां 1962 के युद्ध से पहले भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें हुई हैं.

चीन एक दशक से अधिक समय तक इस क्षेत्र में एक छोटी सैन्य चौकी बनाए रखा था, 2020 में स्थिति में अचानक बड़ा बदलाव तब आया जब चीन ने इस क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र के अंदर एक पूरा गांव बसा दिया और सड़क निर्माण भी करने लगा.

अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है, "सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और सैन्य संवादों के बावजूद, PRC ने LAC पर अपने दावों के लिए वृद्धिशील और सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है."

Advertisement

पिछले महीने, पूर्वी सेना कमान के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने वाले संवाददाताओं से कहा कि चीन द्वारा "दोहरे उपयोग" वाले सीमावर्ती गांवों का निर्माण जारी है, जिनका उपयोग सैनिकों को तैनात करने के लिए भी किया जा सकता है.

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बसावटों के निर्माण की चीन की नीति तिब्बत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अरबों डॉलर की योजना का एक हिस्सा है. इसमें सीमावर्ती कस्बों के लिए बड़े पैमाने पर सड़क और रेल बुनियादी ढांचे का विकास और इस क्षेत्र में 600 से अधिक पूर्ण विकसित गांवों के निर्माण की योजना शामिल है.

Advertisement

अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा गांव का विकास तब हुआ जब भारतीय और चीनी सैनिक दशकों में पश्चिमी हिमालय में लद्दाख में हजारों किलोमीटर दूर अपने सबसे घातक संघर्ष में एक-दूसरे का सामना कर रहे थे. पिछले साल जून में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. 40 से अधिक चीनी सैनिक या तो मारे गए या घायल हुए.

गलवान झड़पों का जिक्र करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है, "फरवरी 2021 में, केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने चार पीएलए सैनिकों के लिए मरणोपरांत पुरस्कारों की घोषणा की, लेकिन इसमें मरने वाले चीनी सैनिकों की कुल संख्या अब भी अज्ञात बनी हुई है."

Advertisement
Featured Video Of The Day
Doomsday Clock 2025: क्या दुनिया कयामत के सबसे करीब है? Midnight में बचे हैं सिर्फ 89 Seconds
Topics mentioned in this article