Urban Company ने शुरू की 15 मिनट में मेड बुकिंग सर्विस, सोशल मीडिया पर क्यों मच गया बवाल

यूसी ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि यह प्रायोगिक पेशकश वर्तमान में मुंबई के चुनिंदा क्षेत्रों में उपलब्ध है. इसने यह भी दावा किया कि इसके 'इंस्टा मेड' भागीदारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, और जीवन और दुर्घटना कवरेज मिलेगा.

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अर्बन कंपनी ने हाल ही में 'इंस्टा मेड्स' नामक एक नई सेवा शुरू की है, जो ग्राहकों को 15 मिनट के भीतर घर पर मेड की सुविधा प्रदान करती है. इस सेवा में बर्तन धोना, झाड़ू-पोछा लगाना, खाना बनाना जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं. ग्राहकों को एक घंटे के लिए केवल 49 रुपये देने होंगे. हालांकि, सोशल मीडिया पर इस सेवा को लेकर विवाद छिड़ गया है.

यूसी ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि यह प्रायोगिक पेशकश वर्तमान में मुंबई के चुनिंदा क्षेत्रों में उपलब्ध है. इसने यह भी दावा किया कि इसके 'इंस्टा मेड' भागीदारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, और जीवन और दुर्घटना कवरेज मिलेगा.

एक्स पोस्ट में अर्बन कंपनी ने कहा कि हम अपने सेवा भागीदारों की भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. इस नई सेवा पेशकश में भागीदार 150-180 रुपये प्रति घंटे कमाते हैं, साथ ही मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और नौकरी पर जीवन और दुर्घटना बीमा भी मिलता है. प्रति माह 132 घंटे (22 दिन x 6 घंटे प्रति दिन) काम करने वाले भागीदारों को कम से कम 20,000 रुपये प्रति माह की कमाई कर सकते हैं.

कंपनी ने कहा कि हमारे ग्राहकों के लिए 49 रुपये प्रति घंटे की शुरूआती कीमत सीमित समय के लिए है. जैसे-जैसे सेवा का विस्तार होगा, कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी. ताकि हमारे भागीदारों के लिए स्थायी आय और हमारे व्यवसाय के लिए अर्थव्यवस्था सुनिश्चित हो सके.

हालांकि, 'इंस्टा मेड्स' के लॉन्च ने सोशल मीडिया पर चर्चा को जन्म दे दिया है. कुछ यूजर्स ने इस कदम का स्वागत किया, वहीं कुछ ने कहा कि यह सेवा मानवाधिकारों का उल्लंघन है. कुछ यूजर्स ने सेवा के नाम में 'मेड' शब्द के इस्तेमाल पर भी बहस की.

एक यूजर ने लिखा, 'भारत को ब्लू कॉलर घरेलू कामगारों की एक सेना की सख्त जरूरत है. इसकी जरूरत है और इसकी आपूर्ति भी भरपूर है. अच्छा कदम @urbancompany_UC बेबी सिटिंग सेवाओं के लिए भी आगे बढ़ें. एक अन्य ने टिप्पणी की, "अच्छा कदम और सबसे जरूरी. कृपया कीमत के बारे में उदार रहें ताकि मध्यम वर्ग के लोग लंबे समय तक इसे वहन कर सकें.

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हालांकि, एक उपयोगकर्ता ने कहा कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है. नए प्रयोग और बकवास के नाम पर सस्ते श्रम का शोषण बंद करें. एक अन्य ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स ने 12वीं कक्षा के सीएस छात्रों के विशेषज्ञता स्तर के साथ मांग और आपूर्ति का मिलान करने के लिए ऐप्स का निर्माण शुरू कर दिया है और वे इसे नए प्रयोग कहते हैं, क्योंकि उनके पास शोषण करने के लिए सस्ता श्रम है.

एक और यूजर ने कहा कि अर्बन कंपनी से बेहतर की उम्मीद थी. क्या किसी ने उन्हें नहीं बताया कि 'नौकरानी' शब्द पुराना, लिंगभेदी और सामान्य तौर पर अपमानजनक है? इसके अलावा, विज्ञापन में दिखाए गए दृश्यों का क्या मतलब है?

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