ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के UPSC में चयन के फर्जीवाड़े की पूरी एक फेहरिस्त है. UPSC की जांच में खुलासा हुआ है कि विकलांगता सार्टीफीकेट के फर्जीवाड़े से लेकर माता-पिता के नाम और पते तक में धाखाधड़ी करके फायदा लिया.
पूजा खेडकर या पूजा दिलीप राव खेडकर या पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, इन्ही नामों के जाल में पूजा ने UPSC के कायदे कानूनों को फंसाया और एक के बाद एक फायदा लेते हुए IAS बन गई. गाड़ी बंगला और दफ्तर लेने की बोतल से पूजा खेडकर के फर्जीवाड़े का ऐसा जिन्न बाहर निकला जिससे UPSC यानि लोकसेवा आयोग भी हैरान है.
2020-21 मैं पूजा खेडकर ने पूजा दिलीप राव खेडकर के नाम से परीक्षा दी जबकि 2021-22 में पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के नाम से परीक्षा दी.
लेकिन पूजा ने महज नाम में ही हेराफेरी नहीं कि बल्कि पता में भी उसने हेराफेरी की थी. NDTV की टीम जब पूजा खेडकर के इस पते पर पहुंती तो वता लगा कि दिसे पूजा ने जहां अपना घर बताया था वहां एक कंपनी का बंद पड़ा एक प्लॉट था..थर्मोवेरिटा कंपनी का ये प्लॉट पूजा की मां मनोरमा के नाम पर थी.
UPSC की जांच के बाद अब पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करके उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सोचिए UPSC के चयन में विकलांगता प्रमाण पत्र, क्रीमी लेयर आरक्षण और EWS का फायदा लेने वाली क्या पूजा खेडकर अकेली है या ऐसे कई सरकारी बाबू हैं जो ऐसे नियमों के लूप होल्स का फायदा उठाकर ऊंचे ओहदों पर बैठे हैं ये जांच के बाद भी पता चलेगा.