यूपी का पहला डेटा सेंटर पार्क तैयार, 31 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे लोकार्पण

यूपी में हीरानंदानी समूह द्वारा विकसित किया गया डेटा सेंटर "योट्टा डी-1" 22 महीने में बनकर तैयार हुआ, पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश की परियोजना

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में 5000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार पहला डेटा सेंटर पार्क (Data Center Park) शुरू होने के लिए तैयार है. हीरानंदानी समूह की ओर से विकसित करीब तीन लाख स्क्वेयर फीट परिसर में फैले इस डेटा सेंटर पार्क को महज 22 महीने में तैयार किया गया है. दीपावली के बाद 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डेटा सेंटर पार्क का लोकार्पण करेंगे.

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लाइव होने को तैयार इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर की पहली बिल्डिंग को "योट्टा डी-1" नाम दिया गया है. इस एक डेटा सेंटर बिल्डिंग की कुल क्षमता 5000 सर्वर रैक की है, साथ ही 28.8 मेगावॉट आईटी पॉवर की सुविधा है. इससे तकरीबन 48 घंटे का आईटी पॉवर बैकअप मिल सकेगा. तय परियोजना के अनुसार यहां कुल छह डेटा सेंटर बिल्डिंग बनाई जानी है. इसके बाद यहां कुल 30 हजार सर्वर रैक की क्षमता होगी और करीब 250 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी होगा. गौरतलब है कि "योट्टा" हीरानंदानी समूह का डेटा सेंटर संबंधी उपक्रम है. 

दिसम्बर 2020 में शिलान्यास, अक्टूबर 2022 में उद्घाटन
बीते जून में आयोजित तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 में आए हीरानंदानी समूह के मुखिया निरंजन हीरानंदानी ने कहा था कि देश और प्रदेश के आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का योगदान बुलेट ट्रेन की तरह है. उन्होंने प्रदेश सरकार की नीति और नीयत की खुले मन से सराहना की थी. सरकार के साथ अपने अनुभव को मंच से साझा करते हुए उन्होंने बताया था कि अगस्त 2020 में हमारी बातचीत उत्तर प्रदेश सरकार से शुरू हुई और अक्टूबर 2020 में हमें जमीन आवंटित हो गई. दिसंबर 2020 में परियोजना का शिलान्यास हुआ. जनवरी 2021 में परियोजना के लिए आवश्यक क्लियरेंस मिल गई और मार्च 2021 से डाटा सेंटर का निर्माण शुरू हो गया. 

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तीन और डेटा सेंटर हो रहे तैयार
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत का डेटा एनालिटिक्स उद्योग 16 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है. ऐसे में डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार खास ध्यान दे रही है. डेटा सेंटर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से जारी 2021 में उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति अधिसूचित की गई है. नीति के अंतर्गत विभिन्न निवेशकों द्वारा वर्तमान में लगभग 15,950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से चार डेटा सेंटर पार्क की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है. इनमें 9134.90 करोड़ रुपये के निवेश वाली हीरानंदानी समूह की मेसर्स एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की 1687 करोड़ रुपये के निवेश वाली मेसर्स एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा 2414 करोड़ रुपये व 2713 करोड़ रुपये की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं. विगत तीन जून को सम्पन्न तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में यह निवेश प्रस्ताव भी सम्मिलित थे. इन परियोजनाओं के शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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उल्लेखनय है कि डेटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है. बड़ी मात्रा में डेटा भंडारण, प्रोसेसिंग व वितरण के लिए कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, बैंकिंग, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा/पर्यटन और अन्य ट्रांजेक्शन में बहुत अधिक डेटा पैदा होता है, जिसके संग्रहण के लिए डेटा सेंटर की बड़ी उपयोगिता है. वर्तमान में देश का अधिकांश डेटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है. अमेजॉन, ऐप्पल, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट की वित्तीय मजबूती में डेटा का बड़ा योगदान है.

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